इंजन ऑयल के मिथक: क्या आप भी करते हैं ये गलतियां
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। इंजन ऑयल आपकी गाड़ी के इंजन की लाइफलाइन होता है। यह इंजन के अंदर मौजूद पुर्जों को चिकनाई देता है, घिसावट कम करता है और तापमान को नियंत्रित रखने में मदद करता है। लेकिन लंबे समय से इंजन ऑयल को लेकर कई गलतफहमियां (मिथक) फैली हुई हैं, जिनकी वजह से कई बार लोग बेवजह खर्च कर बैठते हैं या फिर इंजन को नुकसान पहुंचा देते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
1. क्या ऑयल का ब्रांड बदलने से गाड़ी खराब हो जाती है?
यह एक बहुत आम डर है। अगर आप किसी भरोसेमंद ब्रांड का इंजन ऑयल इस्तेमाल कर रहे हैं और ऑयल का ग्रेड (जैसे 5W-30 या 0W-20) आपकी गाड़ी के लिए सही है, तो ब्रांड बदलने से कोई नुकसान नहीं होता। मतलब साफ है कि ब्रांड से ज्यादा जरूरी ग्रेड है। अगर ग्रेड वही है जो आपकी गाड़ी के लिए सुझाया गया है, तो निश्चिंत रहें।
2. क्या बाहर से या खुद ऑयल बदलने पर वारंटी खत्म हो जाती है?
कई लोग सोचते हैं कि अगर उन्होंने डीलरशिप के अलावा कहीं और ऑयल बदलवाया, तो वारंटी चली जाएगी। यह भी लोगों में एक भ्रम होता है। आप चाहें तो खुद ऑयल बदलें या किसी बाहर के गैरेज से बदलवाएं, इससे वारंटी खत्म नहीं होती। बस एक बात याद रखें कि ऑयल बदलने की रसीद संभालकर रखें। जरूरत पड़ने पर यही सबूत होता है कि आपने समय पर सर्विस करवाई है।
3. क्या कंपनी के बताए ऑयल से गाढ़ा या पतला ऑयल डालना बेहतर होता है?
कुछ लोग मानते हैं कि गाढ़ा ऑयल इंजन को ज्यादा सुरक्षित रखता है या पतला ऑयल माइलेज बढ़ा देगा। यह सबसे खतरनाक गलतफहमी हो सकती है। ज्यादा गाढ़ा ऑयल इंजन को जरूरत से ज्यादा गर्म कर सकता है। ज्यादा पतला ऑयल इंजन के पुर्जों को ठीक से सुरक्षा नहीं दे पाता। इसलिए हमेशा वही ऑयल इस्तेमाल करें, जो आपकी गाड़ी के मैनुअल में कंपनी ने बताया है। यह इंजन के डिजाइन के हिसाब से चुना गया होता है।
4. क्या सिंथेटिक और साधारण ऑयल को मिक्स नहीं करना चाहिए?
लोग अक्सर डरते हैं कि दोनों को मिलाने से इंजन खराब हो जाएगा। अगर इमरजेंसी में सिंथेटिक ऑयल में थोड़ा साधारण ऑयल मिलाना पड़े, तो इससे इंजन को कोई तुरंत नुकसान नहीं होता। हालांकि, मिक्स करने पर ऑयल जल्दी पुराना हो सकता है, इसलिए अगली सर्विस थोड़ी जल्दी करवा लेना बेहतर रहता है।
5. क्या हर 3 महीने या 5,000 किलोमीटर पर ऑयल बदलना जरूरी है?
यह सलाह आज भी कई लोग देते हैं। यह नियम पुरानी तकनीक वाली गाड़ियों के लिए था। आजकल की नई गाड़ियां और सिंथेटिक ऑयल काफी एडवांस हो चुके हैं। अक्सर ये 10,000 से 15,000 किलोमीटर तक आराम से चल जाते हैं। इसलिए मैकेनिक के कहने पर बार-बार ऑयल न बदलें, बल्कि अपनी गाड़ी के मैनुअल में दिए गए इंटरवल को फॉलो करें।
हमारी राय
इंजन ऑयल से जुड़ी गलत सलाह न सिर्फ आपकी जेब पर असर डालती है, बल्कि इंजन की सेहत भी बिगाड़ सकती है। कंपनी के मैनुअल और सही तकनीकी जानकारी पर भरोसा करना ही सबसे सुरक्षित और समझदारी भरा कदम है। इंजन ऑयल को लेकर डरने या सुनी-सुनाई बातों पर चलने की जरूरत नहीं है। अगर आप अपनी गाड़ी के मैनुअल में बताई गई सलाह को फॉलो करते हैं, सही ग्रेड का ऑयल इस्तेमाल करते हैं और समय पर सर्विस करवाते हैं, तो आपका इंजन लंबे समय तक फिट और सुरक्षित रहेगा। |