बांग्लादेश चुनाव से पहले एनसीपी की मैदान में एंट्री, चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टी का दिया दर्जा
ढाका। बांग्लादेश के चुनाव आयोग (ईसी) ने अगले साल होने वाले चुनाव से पहले नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) को आधिकारिक तौर पर एक राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत कर लिया है।
बांग्लादेश के चुनाव आयोग ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए इसकी जानकारी दी। ईसी के वरिष्ठ सचिव अख्तर अहमद ने बताया कि चुनाव आयोग ने एनसीपी के साथ-साथ बांग्लादेश समाजतांत्रिक दल (मार्क्सवादी) पार्टी को भी राजनीतिक पार्टी के रूप में रजिस्टर किया है।
इस सिलसिले में एक गजेट नोटिफिकेशन भी जारी किया गया। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने एनसीपी को एक राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत कर लिया है। बांग्लादेशी मीडिया बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, ईसी ने एनसीपी को चुनाव चिन्ह 'शापला कोली' (कुमुदिनी की कली) दिया है।
शापला (कुमुदिनी) चिन्ह की लगातार मांग के बीच इस महीने की शुरुआत में एनसीपी ने "शापला कोली" को अपना चुनाव चिन्ह चुनने का फैसला किया था। इसके साथ ही एनसीपी ने यह भी कहा कि वह फरवरी 2026 के चुनाव में 300 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारेगी।
ढाका में मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) एएमएम नसीरुद्दीन के साथ बैठक के बाद, एनसीपी के मुख्य समन्वयक नसीरुद्दीन पटवारी ने कहा, "हमने शापला कोली को स्वीकार कर लिया है। हालांकि चुनाव चिन्ह को लेकर कुछ सवाल हो सकते हैं, लेकिन हमें अभी तक चुनाव आयोग से कोई स्पष्ट स्पष्टीकरण नहीं मिला है। उनके मनमाने व्यवहार को देखते हुए, हम चुनाव चिन्ह पर अड़े नहीं रह सकते। हमारा फैसला व्यापक हित को प्राथमिकता देता है।"
एनसीपी नेता ने चुनाव आयोग को "इंजीनियरिंग आयोग" बताया था। एनसीपी नेता ने कहा, "यहां कई प्रक्रियाएं निष्पक्ष रूप से संचालित होने के बजाए इंजीनियर की जाती हैं। हम इसी व्यवस्था के भीतर अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं।" इसके साथ ही उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि चुनाव आयोग भविष्य में भी नागरिकों के प्रति मनमाना व्यवहार जारी रख सकता है।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते पटवारी ने चेतावनी दी थी कि वह देश में "बैलेट क्रांति" या "बुलेट क्रांति" के लिए तैयार है। द डेली स्टार ने एनसीपी नेता के हवाले से कहा, "अगर बांग्लादेश लोकतांत्रिक रास्ते पर चलता रहा, तो एनसीपी बैलेट क्रांति के लिए तैयार है। लेकिन अगर खून बहाना पड़ा, तो हम गोली क्रांति के लिए भी तैयार हैं।"
बता दें, बांग्लादेश में अगले साल आम चुनाव होने जा रहा है; इस बीच वहां हालात बहुत खराब हैं। खासतौर से यूनुस की सरकार में भारी हिंसा देखने को मिल रही है।
इससे इतर जिन पार्टियों ने पहले शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को गिराने के लिए यूनुस की मदद की थी, आज वही पार्टियां सुधार प्रस्तावों को लेकर आपस में भिड़ गई हैं।

Deshbandhu Desk
Bangladesh
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