जासं, जमशेदपुर। वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स ने यूरोपीय ट्रक निर्माता इवेको के अधिग्रहण की दिशा में एक और बड़ी बाधा पार कर ली है। यूरोपीय आयोग (यूरोपीय कमीशन) ने 3.8 अरब यूरो (लगभग 39,100 करोड़ रुपये) के इस सौदे को मंजूरी दे दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आयोग का मानना है कि इस अधिग्रहण से प्रतिस्पर्धा पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि दोनों कंपनियों के बाजार हिस्सेदारी सीमित है। इस अधिग्रहण के बाद टाटा मोटर्स दुनिया की चौथी सबसे बड़ी ट्रक निर्माता कंपनी बन जाएगी।
यह अधिग्रहण टाटा समूह के इतिहास में सबसे बड़े सौदों में से एक है, जो 2008 में जगुआर लैंड रोवर के 2.3 अरब डालर के अधिग्रहण से भी बड़ा है।
इस सौदे के अप्रैल 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है, जिसके लिए अभी कुछ और विनियामक मंजूरियां मिलनी बाकी हैं। यह अधिग्रहण टाटा मोटर्स की वाणिज्यिक वाहन (सीवी) इकाई के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है, जिससे उसे वैश्विक स्तर पर अपनी पैठ मजबूत करने में मदद मिलेगी।
इवेको की यूरोप और लैटिन अमेरिका के बाजारों में मजबूत उपस्थिति है, जहां टाटा मोटर्स की मौजूदगी फिलहाल सीमित है। इस सौदे से टाटा मोटर्स को न केवल नए बाजारों तक पहुंच मिलेगी, बल्कि इवेको की उन्नत तकनीक, विशेष रूप से इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन-संचालित वाहनों के क्षेत्र में, का भी लाभ मिलेगा।
टाटा मोटर्स इस अधिग्रहण का वित्तपोषण ऋण और इक्विटी के मिश्रण से करेगी। कंपनी ने मार्गन स्टेनली और एमयूएफजी से 3.8 अरब यूरो का ब्रिज लोन हासिल किया है। इसके अलावा, कंपनी अगले 12-18 महीनों में इक्विटी के माध्यम से लगभग 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है।
इस सौदे के तहत, टाटा मोटर्स इवेको के रक्षा व्यवसाय का अधिग्रहण नहीं करेगी, जिसे इतालवी रक्षा समूह लियोनार्डो को अलग से बेचा जा रहा है। इवेको का मुख्यालय तूरिन, इटली में ही बना रहेगा और कर्मचारियों की छंटनी या प्लांट बंद नहीं किए जाएंगे।
अधिग्रहण के बाद बनने वाला संयुक्त समूह का वार्षिक राजस्व लगभग 22 अरब यूरो होने का अनुमान है और यह वैश्विक स्तर पर 5.4 लाख से अधिक वाहनों की बिक्री करेगा। इससे टाटा मोटर्स की भारतीय बाजार पर निर्भरता कम होगी और कंपनी को वैश्विक वाणिज्यिक वाहन उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित होने में मदद मिलेगी।
टाटा मोटर्स के वाणिज्यिक वाहन कारोबार के डीमर्जर के बाद एक तार्किक अगला कदम है और यह संयुक्त समूह को भारत और यूरोप में दो रणनीतिक घरेलू बाजारों के साथ वास्तव में वैश्विक आधार पर प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देगा। -
नटराजन चंद्रशेखरन, चेयरमैन, टाटा समूह |