आगणित लागत से बहुत कम रेट पर टेंडर में डालने से बचेंगे ठेकेदार
हेमंत श्रीवास्तव, जागरण, लखनऊ: सड़कों, पुल-पुलियों और सरकारी भवनों के निर्माण के टेंडर के साथ ही सरकार कार्य की गुणवत्ता सुनश्चित करने जा रही है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया में फरफार्मेंस सिक्योरिटी की दर विभाग की लागत और ठेकेदार की लागत के अंतर का 50 से 150 प्रतिशत तक किया जाएगा। फरफार्मेंस सिक्योरिटी की धनराशि भारी भरकम देख ठेकेदार अथवा निमार्ण एजेंसी विभाग द्वारा आगणित लागत से बहुत कम रेट पर टेंडर में डालने से बचेंगे। जिससे जो भी काम होगा वह गुणवत्तापूर्ण होगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
टेंडर में विभागीय लागत से 10 प्रतिशत से अधिक कम रेट डालने की स्थिति में ठेकेदार अथवा एजेंसी को परफार्मेंस सिक्योरिटी धनराशि देनी होगी। लोक निर्माण विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया है। जिसे जल्द ही कैबिनेट से स्वीकृत करने की तैयारी है। यह नियम सभी प्रकार के टेंडर पर लागू होगा।
प्रस्ताव के मुताबिक ठेकेदार या निर्माण एजेंसी विभाग आगणित लागत से यदि कम लागत टेंडर में भरेंगे तो उन्हें अतिरिक्त परफार्मेंस सिक्योरिटी जमा करानी होगी। विभागीय लागत से 10 प्रतिशत तक कम रेट डालने पर परफार्मेंस सिक्योरिटी नहीं ली जाएगी। 10 प्रतिशत से अधिक और 15 प्रतिशत से कम रेट डालने पर टेंडर में आगणित लागत तथा निविदादाता की लागत के अंतर का 50 प्रतिशत धनराशि जमा करना होगा।
15 से 20 प्रतिशत तक कम रेट डालने पर 100 प्रतिशत तथा 20 प्रतिशत से अधिक कम रेट डालने पर आगणित लागत और निविदादाता की लागत के अंतर का 150 प्रतिशत परफार्मेंस सिक्योरिटी जमा करनी होगी। परफार्मेंस सिक्योरिटी का नियम अब भी है लेकिन वह न्यूनतम है। इस नियम में 10 प्रतिशत तक कम रेट पर शून्य तथा इससे अधिक कम रेट डालने पर रेट जितने प्रतिशत कम होता है उतने ही प्रतिशत फरफार्मेंस सिक्योरिटी जमा करने का नियम है।
इसके अलावा ठेकेदारों अथवा एजेंसी को हर काम के लिए पहले से निर्धारित सिक्योरिटी धनराशि एफडी या एनएससी के रूप में पहले की तरह ही देनी होगी। फरफार्मेंस सिक्योरिटी बढ़ाने से ठेकेदार अथवा एजेंसी प्रतिस्पर्धा के चक्कर में आगणित लागत से बहुत कम रेट पर टेंडर डालने से बचेंगे। |