जागरण संवाददाता, मेरठ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की ओर से जारी बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम में कक्षा 10वीं व 12वीं की हिंदी की परीक्षा एक ही दिन व एक ही पाली में रख दी गई है। इस पर स्कूलों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए एक ही पाली में दो कक्षाओं की अनिवार्य विषय की परीक्षा करा पाने में असमर्थता व्यक्त करते हुए इसे बदलने की मांग की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उत्तर प्रदेश विततविहीन विद्यालय प्रबंधन महासभा ने यूपी बोर्ड के सचिव को पत्र लिखकर अपनी परेशानियों से अवगत कराया है। प्रधान महासचिव रामपाल सिंह जांगड़ के अनुसार दोनों ही कक्षाओं में हिंदी में सबसे अधिक परीक्षार्थी होते हैं। यह अनिवार्य विषय है जिसमें अधिकतम परीक्षार्थी उपस्थित रहते हैं।
ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों की परीक्षा एक ही पाली में करा पाना स्कूलों के लिए संभव नहीं होगा। इससे परीक्षा केंद्र की व्यवस्था चरमरा जाएगी। सामान्य हिंदी और हिंदी की इंटर की परीक्षा अलग होने से परीक्षार्थियों में भी भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने का अंदेशा रहेगा। इन्हीं कारणों को बताते हुए संगठन ने परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव की मांग की है। |