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लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सिल्क एक ऐसा कपड़ा है, जो अपनी चमक और मुलायमता के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। इसलिए इसकी कीमत बाजार में काफी ज्यादा है और हर किसी के मन में इच्छा होती है कि उनके वॉर्डरोब में भी प्योर सिल्क का कपड़ा शामिल हो। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हालांकि, ऊंची कीमतों के कारण बाजार में नकली सिल्क की भरमार है। रेयॉन, पॉलिएस्टर या किसी दूसरे सिंथेटिक फाइबर से बना नकली रेशम बाजार में खूब बिकता है, क्योंकि आमतौर पर लोग असली-नकली का भेद नहीं पहचान पाते हैं। अगर आप भी नहीं जानते कि असली और नकली सिल्क की कैसे पहचान करें, तो ये 5 टिप्स जरूर जान लें।
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द बर्न टेस्ट
यह सबसे विश्वसनीय तरीकों में से एक माना जाता है, लेकिन इसे बेहद सावधानी से करें। कपड़े के एक छोटे, छिपे हुए धागे को लें और उसे जलाएं।
- असली रेशम- असली रेशम का धागा जलने पर बालों या ऊन जलने जैसी गंध आती है। यह धीरे-धीरे जलेगा और जलने के बाद एक काले रंग की, नर्म राख में बदल जाएगा, जिसे आसानी से दबाया जा सकता है।
- नकली रेशम- सिंथेटिक कपड़े (जैसे पॉलिएस्टर) जलने पर प्लास्टिक या रासायनिक गंध आती है। यह तेजी से जलता है और जलने के बाद एक सख्त, काले रंग की प्लास्टिक जैसी गोली में बदल जाता है।
चमक की जांच करें
रेशम की प्राकृतिक चमक इसकी सबसे खास पहचान है।
- असली रेशम- रेशम की चमक ही उसकी असली पहचान होती है। इसे अलग-अलग एंगल से देखने पर चमक में हल्का सा बदलाव दिखाई देता है। यह चमक कभी भी चुभने वाली या बहुत ज्यादा चमकदार नहीं होती।
- नकली रेशम- नकली रेशम की चमक अक्सर बहुत तेज, चुभने वाली और एकसमान होती है। यह किसी प्लास्टिक की सतह जैसी लग सकती है और अलग-अलग एंगल से देखने पर उसमें ज्यादा बदलाव नहीं दिखता।
टेक्सचर का अनुभव
कपड़े को छूकर महसूस करना भी एक अच्छा तरीका है।
- असली रेशम- असली रेशम बेहद मुलायम, चिकना और फिसलन भरा होता है। यह शरीर से चिपकता नहीं है और गर्मी में ठंडक का अहसास कराता है। इसे मुट्ठी में भींचने पर यह हल्का सा कर्कशाहट पैदा कर सकता है, जिसे “स्क्रंच“ कहा जाता है।
- नकली रेशम- नकली रेशम थोड़ा खुरदरा, रुखा या कड़क महसूस हो सकता है। यह अक्सर शरीर से चिपक सकता है और सिंथेटिक फाइबर होने के कारण इसमें हवा कम गुजरती है।
द रिंग टेस्ट
रेशम के एक धागे या रूमाल के कोने को अपनी अंगुली पर लपेट कर देखें।
- असली रेशम- असली रेशम बहुत हल्का और मजबूत होता है। इसे आसानी से अंगुली में लपेटा जा सकता है और यह आराम से अपनी जगह बनाए रखेगा, बिना तुरंत खुलें।
- नकली रेशम- नकली रेशम के धागे आसानी से खुल सकते हैं या फिर लपेटने पर ज्यादा टाइट महसूस हो सकते हैं।
कीमत पर गौर करें
असली रेशम एक कीमती नेचुरल फाइबर है, जिसे बनाने में काफी मेहनत लगती है। इसलिए इसकी कीमत भी ज्यादा होती है। अगर कोई प्रोडक्ट बहुत सस्ते दामों में “रेशम“ के नाम पर बेचा जा रहा है, तो संभावना है कि वह नकली हो।
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