झारखंड के नए मुख्य सचिव की नियुक्ति की चर्चा तेज, अविनाश कुमार और अजय कुमार सिंह मुख्य दावेदार।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी की सेवानिवृत्ति की तारीख 30 सितंबर 2025 है, लेकिन प्रशासनिक परिस्थितियों के चलते उनका अंतिम कार्य दिवस शुक्रवार, 26 सितंबर को ही समाप्त हो गया है।
हालांकि वह 30 सितंबर तक आधिकारिक तौर पर पद पर बनी रहेंगी। इसी दिन नए कार्यकारी मुख्य सचिव की नियुक्ति की घोषणा होने की प्रबल संभावना है, जिससे राज्य प्रशासन में नेतृत्व परिवर्तन होगा।
इस महत्वपूर्ण पद के लिए झारखंड कैडर के दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों अविनाश कुमार और अजय कुमार सिंह सबसे आगे चल रहे हैं। सूत्रों की मानें तो वर्तमान हालात को देखते हुए अविनाश कुमार को कार्यकारी मुख्य सचिव की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अविनाश कुमार बनाम अजय कुमार सिंह
1988 बैच की आईएएस अधिकारी अलका तिवारी के रिटायरमेंट के बाद, राज्य प्रशासन में शीर्ष पद के लिए गहन विचार-विमर्श जारी है।
अविनाश कुमार, जो 1993 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में अपर मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत हैं। इस दौड़ में सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। वह वर्तमान में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव (ACS to CM) के पद पर तैनात हैं, जो सरकार में उनके उच्च विश्वास को दर्शाता है।
वह ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव और नई दिल्ली में झारखंड भवन के मुख्य आवासीय आयुक्त का प्रभार भी संभालते हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय, ऊर्जा और अंतर-राज्य समन्वय में उनका व्यापक अनुभव उन्हें इस शीर्ष पद के लिए एक मजबूत प्रशासक बनाता है।
वहीं अजय कुमार सिंह, जो 1995 बैच के प्रोन्नत आईएएस अधिकारी हैं और समान रूप से वरिष्ठ तथा अनुभवी अधिकारी हैं, भी इस पद के लिए सशक्त उम्मीदवार हैं।new-delhi-city-general,New Delhi City news,Delhi village development,Land ownership rights,Panchayat Sangh demand,Lal Dora area,Property tax review,Swamitva Yojana Delhi,Rural development Delhi,Delhi government action,Central government appeal,Delhi news
उन्होंने कैबिनेट सचिवालय, ग्रामीण कार्य विभाग, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण और वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभागों में प्रमुख सचिव (Principal Secretary) के रूप में कार्य किया है।
वित्त और स्वास्थ्य जैसे कोर प्रशासनिक क्षेत्रों में उनका अनुभव उन्हें राज्य की वित्तीय और सामाजिक चुनौतियों से निपटने के लिए एक मजबूत प्रशासक सिद्ध करता है।
अपर मुख्य सचिव स्तर के अन्य अधिकारियों में शैलेश कुमार सिंह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। उनकी झारखंड वापसी की संभावना कम है, जबकि डा. नितिन मदन कुलकर्णी (राजभवन में तैनात) के नाम पर सरकार के साथ उनके कथित संबंधों के कारण विचार होने की संभावना नगण्य है।
अलका तिवारी का कार्यकाल: 30 सितंबर को होगी सेवानिवृत्ति
झारखंड की तीसरी महिला मुख्य सचिव अलका तिवारी ने 1 नवंबर 2024 को यह पद संभाला था। उनके कार्यकाल में झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 से पहले की प्रशासनिक व्यवस्थाओं को सुचारु करना शामिल रहा।
राज्य सरकार ने उनके कार्यकाल विस्तार के लिए केंद्र से कोई पत्राचार नहीं किया है, जिससे यह स्पष्ट है कि उनकी सेवानिवृत्ति निर्धारित 30 सितंबर को ही होगी।
27 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक सचिवालय में छुट्टियों के कारण प्रशासनिक गतिविधियां लगभग ठप रहेंगी। सूत्रों का मानना है कि 30 सितंबर को अलका तिवारी की सेवानिवृत्ति के साथ ही नई नियुक्ति की अधिसूचना जारी हो सकती है ताकि प्रशासनिक कार्यों में निरंतरता बनी रहे।
नए मुख्य सचिव के सामने चुनौतियां
मुख्य सचिव का पद राज्य के प्रशासनिक ढांचे की रीढ़ होता है। अविनाश कुमार और अजय कुमार सिंह में से किसी एक की नियुक्ति से राज्य में प्रशासनिक स्थिरता और नीतिगत निरंतरता सुनिश्चित होने की उम्मीद है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार किसे यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपती है और नया नेतृत्व झारखंड की मौजूदा प्रशासनिक चुनौतियों से कैसे निपटता है।
 |