मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करने पहुंचीं प्रभारी पुलिस महानिदेशक तदाशा मिश्रा।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड पुलिस सेवा के इतिहास में शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक रहा, जब तदाशा मिश्रा ने राज्य की पहली महिला पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रूप में पदभार ग्रहण किया। उन्होंने अनुराग गुप्ता की जगह ली है, जिनकी ऐच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन सरकार ने स्वीकृत कर लिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
15 नवंबर के शांतिपूर्ण आयोजन को बताया पहली प्राथमिकता
पदभार ग्रहण के बाद डीजीपी तदाशा मिश्रा ने कहा कि फिलहाल उनकी पहली प्राथमिकता राज्य स्थापना दिवस (15 नवंबर) का शांतिपूर्ण और सुरक्षित आयोजन सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा, “अभी मैंने पदभार ग्रहण किया है। पुलिस एक टीम वर्क से काम करती है, कोई अकेला कुछ नहीं कर सकता। मुझे एक बेहतरीन टीम मिली है और हम सब मिलकर सरकार के विजन को जमीन पर उतारेंगे।”
मिश्रा ने आगे कहा कि बेसिक और कोर पुलिसिंग पर विशेष जोर दिया जाएगा। संगठित अपराध, नशा तस्करी और माओवाद के खिलाफ चल रही कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा भी की।
राज्य की नई डीजीपी के रूप में तदाशा मिश्रा का कार्यभार संभालना न केवल झारखंड पुलिस के लिए नई दिशा का संकेत है, बल्कि महिला नेतृत्व की दृष्टि से भी यह राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा। अब देखना यह होगा कि मिश्रा अपने कार्यकाल में पुलिसिंग के नए मानक कैसे स्थापित करती हैं।
अनुराग गुप्ता की विदाई पर सियासत गरमाई, बाबूलाल मरांडी ने कही तीखी बात
पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता की सेवानिवृत्ति के बाद सियासी पारा भी चढ़ गया है। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने गुप्ता की तुलना “घर के भेदी” से करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सलाह दी कि उन्हें किसी न किसी पद से जोड़ दिया जाए, अन्यथा वे “लंका ढाहने” का काम कर सकते हैं। मरांडी ने कहा, “अनुराग गुप्ता आदतन घर के भेदी हैं, जो जहां रहते हैं वहीं से नुकसान पहुंचाते हैं।” |