जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। प्रदूषण का स्तर अब हवा की गति पर निर्भर हो रहा है। जैसे ही हवा की गति बढ़ती है तो प्रदूषण कम हो जाता है और हवा मंद पड़ती है तो प्रदूषण में उछाल देखने काे मिलता है। पिछले चार दिनाें से तो यही स्थिति बनी हुई है। सोमवार को जब हवा की गति 16 किमी प्रति घंटा हुई तो एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) में पीएम 2.5 का स्तर 202 पर आ गया। जबकि 24 घंटों पहले यह औसतन 313 पर था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इससे दो दिन पहले भी यही स्थिति देखने को मिली थी। नवंबर में हर साल ही सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है। ऐसे में इस महीने में ज्यादा सावधानी की जरूरत है। क्षेत्र में अक्टूबर के आखिर और नवंबर के पहले दिन राहत के बाद प्रदूषण का स्तर रविवार को बढ़ गया था।
इस दिन एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) का औसतन लेवल 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर का स्तर पार कर गया था। जबकि इससे पहले दो दिनों में यह येलो और ओरेंज कैटेगरी में रहा। सोमवार को फिर औरेंज कैटेगरी में आ गया।
सभी जगहों पर नहीं हो रहा है पानी का छिड़काव
क्षेत्र में कई विभागों द्वारा सड़कों पर पानी का छिड़काव तो किया जा रहा है, मगर उससे पूरी तरह बात नहीं बन रही। सड़कों से धूल उड़ रही है। लोगों का कहना है कि शहर के अंदर ही सभी सड़कों के किनारों पर अच्छी तरह से सफाई नहीं हो रही है। इसी कारण वाहनों की आवाजाही से धूल उड़ती रहती है। पानी का छिड़काव भी अच्छी तरह से नहीं होता।
31 अक्टूबर को सीपीसीबी की ओर से जारी बुलेटिन में बहादुरगढ़ का औसतन एक्यूआइ 153 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। जबकि इससे पहले 30 अक्टूबर को औसतन 344 था। इसके बाद 1 नवंबर को औसतन 254 दर्ज किया गया था और रविवार को 313 रहा था। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी शैलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि सभी विभागों को नियमित रूप से सड़कों पर पानी का छिड़काव करने के लिए कहा गया है, ताकि धूल न उड़े।
पिछले छह दिन में प्रदूषण की स्थिति
- 29 अक्टूबर 269
- 30 अक्टूबर 344
- 31 अक्टूबर 153
- 01 नवंबर 253
- 02 नवंबर 313
- 03 नवंबर 202
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