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नो एंट्री का असर: दिल्ली में माल पहुंचाने के लिए बॉर्डर से पहले बदलने पड़ रहे वाहन, 4 से 8 हजार तक बढ़ा खर्चाई

LHC0088 Yesterday 19:07 views 967

  



जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। प्रदूषण को लेकर दिल्ली में बीएस-4 से नीचे के वाहनों की एंट्री पर रोक होने से पुरानी गाड़ियों से ट्रांसपोर्ट का खर्च बढ़ गया है। अब टीकरी बार्डर पार करके दिल्ली में जाने से पहले बहादुरगढ़ में गाड़ियां बदली जा रही हैं। इससे दिल्ली में माल पहुंचाना 4 से 8 हजार तक महंगा हो रहा है। प्रदेश भर के डेढ़ लाख पुराने वाहनों पर इस व्यवस्था का असर है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

अब जो बीएस-3 वाहन यहां पहुंच रहे हैं, उनका माल बहादुरगढ़ में दिल्ली नंबर की गाड़ियों में शिफ्ट करके आगे भेजा जा रहा है। दिल्ली के अंदर दूरी के हिसाब से इसका खर्च अलग-अलग है। 1 नवंबर से यह स्थिति है। बहादुरगढ़ में नेशनल हाइवे-9 के बाईपास पर वाहन आकर रुकते हैं। फिर दूसरी गाड़ियां यहां पहुंचती हैं। ऐसे में गाड़ियाें का किराया और लेबर मिलाकर खर्च बढ़ जाता है।

पुराने वाहनों को लेकर यही स्थिति रहेगी। यह व्यवस्था स्थायी तौर पर है या फिर इसमें बाद में कुछ राहत मिल सकती है, इस पर अभी कुछ स्थिति स्पष्ट नहीं है। एक गाड़ी में माल शिफ्ट करवा रहे चालक मनोज ने बताया कि दिल्ली से दूसरी गाड़ी बुलाने और अन्य खर्च मिलाकर 8 हजार रुपये ज्यादा लगे।
यह है स्थिति

प्रदूषण के मद्देनजर बीएस-4 से नीचे कैटेगरी के मालवाहक वाहनों की दिल्ली में एंट्री 1 नवंबर से रुकी हुई है। दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड वाहनों पर यह नियम लागू है। इससे हरियाणा के बीएस-3 कैटेगरी के करीब डेढ़ लाख मालवाहक वाहन प्रभावित हैं। एनफोर्समेंट टीमें दिल्ली की सीमाओं पर तैनात हैं, जो पुराने वाहनों की कैटेगरी चेक करती हैं। जो बीएस-4 से नीचे मिलता है उसे वापस लौटाया जाता है। जबकि दिल्ली में पंजीकृत किसी भी वाहन पर यह नियम नहीं है।

अभी रोजाना दिल्ली के 23 बार्डर प्वाइंटों पर टीमें तैनात हैं। पहले तो बीएस-6 कैटेगरी से नीचे के सभी डीजल-पेट्राेल वाहनों को दिल्ली में एंट्री न देने का निर्णय था, लेकिन बाद में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने नए आदेश जारी किए थे। इसमें बीएस-4 वाहनों को एक साल की मोहलत दी गई है। ये वाहन 31 अक्टूबर 2026 तक दिल्ली जा सकेंगे। ऐसे में अब बीएस-4 से नीचे के जो वाहन यानी बीएस-3 और इससे नीचे के हैं, उनको ही रोका जा रहा है।
प्रदेश के 20 प्रतिशत वाहनों पर असर

बहादुरगढ़ की हरे कृष्णा ट्रेलर यूनियन के प्रधान राजेश दलाल के मुताबिक प्रदेश में अनुमानित रूप से लगभग आठ लाख मालवाहक वाहन हैं। इनमें से 20 प्रतिशत तक बीएस-3 कैटेगरी में आते हैं। जबकि 30 प्रतिशत बीएस-4 हैं और बाकी 50 प्रतिशत बीएस-6 आ चुके हैं।

प्रदेश के कुल वाहनों में से 20 प्रतिशत पर इस नियम का असर पड़ा है। बहादुरगढ़ में 10 से ज्यादा ट्रांसपोर्ट यूनियनों के लगभग सात हजार वाहन हैं। इनमें से 25 प्रतिशत तक वाहन बीएस-6 कैटेगरी के हैं। जबकि 70 प्रतिशत वाहन बीएस-4 में आते हैं। बाकी पांच प्रतिशत ही बीएस-3 में हैं।
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