deltin33                                        • 2025-10-18 21:07:54                                                                                        •                views 352                    
                                                                    
  
                                
 
  
 
    
 
हजारों साल पुरानी चिकित्सा पद्धति फिर से लोकप्रिय. Concept Photo  
 
  
 
संस, जागरण, अल्मोड़ा: /Bपहाड़ों में अब तक खून चूसने वाले जीव के रूप में पहचानी जाने वाली जोंक जीव वैज्ञानिक नाम (हिरुडो मेडिसिनालिस) अब लोगों की सेहत सुधारने में मददगार होगी। जिले के आयुर्वेदिक अस्पताल चमड़खाल में पारंपरिक लीच थेरेपी की शुरुआत कर दी गई है। कई रोगों से निपटने के लिए यह लीच थेरेपी लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
आयुर्वेदिक चिकित्सकों के मुताबिक यह प्राचीन पद्धति पूरी तरह प्राकृतिक और सुरक्षित मानी जाती है। ये चर्म रोग, रक्त परिसंचरण जैसे रोगों के इलाज में यह चिकित्सा पद्धति विशेष रूप से प्रभावी मानी जा रही है। लीच थेरेपी के माध्यम से शरीर से दूषित रक्त को बाहर निकाला जाता है, जिससे सूजन और दर्द में राहत मिलती है।  
यह है लीच थेरेपी  
 
अल्मोड़ा: लीच थेरेपी को हिरुडोथेरेपी भी कहा जाता है। इसमें उपयोग होने वाली जोंक को हीमेटोफैगस जीव माना जाता है। जोंक की लार और स्त्राव में मौजूद जैविक रूप से सक्रिय यौगिक कई प्रकार की बीमारियों के उपचार में उपयोगी होते हैं।  
पहाड़ में दो प्रकार की पाई जाती है जोंक  
 
अल्मोड़ा: आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार पहाड़ों में दो प्रकार की जोंक पाई जाती हैं। जो विषैली और विष रहित होती है। लीच थेरेपी में केवल विष रहित जोंक का उपयोग किया जाता है, जो शुद्ध जल स्रोतों में पाई जाती हैं। इनका स्थानीय नाम कपीला, सवारी है।  
प्राकृतिक और कारगर चिकित्सा पद्धति  
 
अल्मोड़ा: यह पद्धति रक्तमोक्षण चिकित्सा के रूप में जानी जाती है। चिकित्सकों के मुताबिक, जोंक शरीर से दूषित रक्त निकालने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करती है, जिससे रोगी को नई ऊर्जा और आराम महसूस होता है। 
 
लीच थेरेपी एक प्राकृतिक, पारंपरिक और कारगर चिकित्सा पद्धति है। इससे मरीजों को विभिन्न रोगों से राहत मिल रही है और यह इलाज सुरक्षित भी है। 
- डा जितेंद्र कुमार पपनोई, चिकित्साधिकारी चमड़खान, रानीखेत |   
                
                                                    
                                                                
        
 
    
                                     
 
 
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