प्रतीकात्मक चित्र।
जागरण संवाददाता, आगरा। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का चुनाव प्रचार अब थम चुका है। पक्ष व विपक्ष की धुंआधार प्रचार रणनीति से पूरे देश के मतदाता की नजर इस चुनाव पर है। खासकर, हिंदी पट्टी के लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि इस चुनाव में ऊंट किस करवट बैठने जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आगरा से भी इस चुनाव के लिए भाजपा ने सांसद राजकुमार को बिहार चुनाव में प्रचार व मतदाता की नब्ज पकड़ने को उतारा है। वहीं कांग्रेस ने फतेहपुर सीकरी सीट पर राजकुमार चाहर के प्रतिद्वंद्वी रहे रामनाथ सिकरवार को बिहार भेजा है।
छह और 11 नवंबर को मतदान
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए छह और 11 नवंबर को मतदान होना है। भाजपा की ओर 40 सांसदों को बिहार चुनाव के लिए भेजा गया है। सभी को एक-एक लोकसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही, भाजपा शासित प्रदेशों के मंत्रियों को भी बिहार भेजा गया है। एक मंत्री को दो विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी है।
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन ने फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर भी बिहार भेजा है। वे बिहार की शिवहर लोकसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। शिवहर क्षेत्र में मोतिहारी और सीतामढ़ी जिले की दो-दो विधानसभा सीट शामिल हैं। क्षेत्र में निषाद वोटों को देखते हुए सांसद चाहर ने फतेहाबाद पूर्व विधायक जितेंद्र वर्मा को भी वहां बुला लिया है।
फतेहपुरसीकरी से भाजपा सांसद राजकुमार चाहर।
राजनीतिक समीकरण साधे जा रहे
कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामनाथ सिकरवार भी बिहार चुनाव में प्रचार को गए हैं। वह बरारी विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रीय सचिव एवं यूपी प्रभारी तौकीर आलम के लिए प्रचार में जुटे हैं। दोनों ही नेता अपने-अपने नजरिए से बिहार के मतदाताओं को परख रहे हैं। सांसद चाहर अपनी पार्टी की बढ़त को देख रहे हैं।
उन्होंने बताया, बिहार के लोग बड़ी संख्या में राज्य और केंद्रीय विभागों में नौकरियों पर हैं। सभी अपने स्वजन से राजनीतिक समीकरणों पर चर्चा कर रहे हैं। साथ ही, स्थानीय लोग भी बिहार में चल रही राजनीतिक सरगर्मियों पर नजर बनाए हैं। वहां नेताओं द्वारा किए जा रहे जुबानी हमलों की चर्चा भी यहां चल रही हैं।
वे जनता के बीच जाकर उनकी समस्याएं जान रहे हैं। चुनाव संचालन समिति की बैठक के साथ ही अन्य चुनाव प्रबंधन भी किया जा रहा है। पार्टी धरातल पर कार्य कर रही है। वे 10 नवंबर तक बिहार में रहेंगे।
राहुल गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ कांग्रेस नेता रामनाथ सिकरवार।
बिहार में आएगी परिवर्तन की लहर
बिहार में परिवर्तन की लहर बता रहे कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामनाथ सिकरवार कहते हैं, लोग परिवर्तन चाहते हैं और केंद्र की तानाशाही से नाराज हैं। बेरोजगारी से दुखी हैं और घर छोड़कर दूसरे राज्यों में रोजगार तलाशने जाने को लेकर नाराजगी भरी हुई है। सिकरवार ने कहा कि, बिहार के मतदाता सवाल उठा रहे हैं।
वे सवाल उठाते हैं कि बिहार के लिए एनडीए सरकार ने क्या किया है? शिक्षा के संसाधन विकसित नहीं है। भोजन के व्यवस्था के लिए लोग पलायन को मजबूर है। मतदाताओं के बीच जाओ तो ऐसे गरीबी दिखाई देती है, जो पूरे देश में कहीं नहीं होगी। सिकरवार ने बताया, मतदाताओं से मिलते हुए यूपी की तुलना में बिहार में एक बदलाव उन्हें दिखा।
आगरा में जहां बीते चुनाव के दौरान भाजपा के विरोध में बातें सुनने पर लोग उखड़ जाते थे, यहां बिहार में मतदाता भाजपा विरोध की बातें सुन रहा है। यह बदलाव का प्रतीक है।
यूपी विधानसभा चुनाव पर भी असर डालेंगे
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दल पूरी ताकत इसलिए लगा रहे हैं कि वहां के चुनाव परिणाम का असर आगे की राजनीति पर पड़ेगा। माना जा रहा है कि 2027 में उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी बिहार के परिणाम का असर पड़ सकता है।
यह भी पढ़ें- बिहार चुनाव में नेताजी के भाषण से ज्यादा हेलीकॉप्टर की धूम, आवाज से ही लग जाती है भीड़ |