LHC0088 • 2025-10-9 02:42:57 • views 1028
इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
जागरण संवाददाता, दरभंगा। Bihar Vidhan Sabha Chunav: दरभंगा जिले के एक कद्दावर नेता के चुनावी टिकट को लेकर भाजपा के अंदर विरोध शुरू हो गया है। पार्टी के दर्जन से अधिक वर्तमान और पूर्व जिला पदाधिकारी सहित नगर निकाय के पार्षदों ने अलग-अलग इसकी लिखित शिकायत शीर्ष नेतृत्व से की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसका पत्र इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहा है। पार्टी की ओर से लिख गए पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि सह सीट जीताउ रहा है, इस कारण प्रदेश के नेता अपने समर्थक को टिकट देते आए हैं, ताकि प्रदेश की राजनीति में उनका प्रभाव बना रहे।
सच्चाई यह है कि जिसे टिकट दिया जाता है उनका जनाधार अपने विधानसभा क्षेत्र की बात तो दूर पूरे जिले में कहीं नहीं है। जिस वर्ग से वे आते हैं, उनकी संख्या भी काफी कम है। ऐसी स्थिति में उनकी उम्मीदवारी से किसी दूसरे विधानसभा में इसका कोई लाभ पार्टी को नहीं मिलता है।
जनसंघ काल में यहां 70 हजार से जीत होती थी। वर्तमान में सात से दस हजार से उम्मीदवार जीत रहे है। इस बार उनके खिलाफ सत्ता विरोधी लहर अधिक है। उनके जगह किसी सामान्य कार्यकर्ताओं को टिकट दिया जाता है तो जीत सुनिश्चित है।
अगर समय रहते निर्णय नहीं लिया गया तो इस सीट से हार तय है। कहा है कि उनका कोई विकल्प नहीं बने इसे लेकर नगर निकाय के चुनाव में उन्होंने मुस्लिम उम्मीदवार को जीताने का काम किया। इससे परंपरागत गत वोटरों में काफी आक्रोश है।
इससे चुनाव में असर पड़ सकता है। कहा है कि यह सीट ब्राह्मण, कायस्थ और वैश्य समाज का बनता है। पार्टी इन मजबूत वर्ग से किसी को उम्मीदवार बना सकती है। इससे ना सिर्फ जीत सुनिश्चित होगी बल्कि, आस-पास के सभी विधानसभा क्षेत्र पर भी असर पड़ सकता है।
उधर, नगर निकाय के एक दर्जन पार्षदों ने अलग से पत्राचार किया है। कहा है - निकाय चुनाव में पार्टी समर्थक उम्मीदवार को हराने और मुस्लिम को जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले की जगह किसी अन्य को प्रत्याशी बनाया जाए।
इससे जीत मिलेगी, अन्यथा हार का सामना करना पड़ेगा। कहा है कि एनडी के मतदाता उनके कार्यशैली से काफी आहत हैं। इन पत्रों को लेकर एनडीए में हड़कंप मच गया है। लोगों में भी तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है।
पार्टी के कुछ पुराने कार्यकर्ताओं ने बताया कि समय रहते इस गतिरोध को अगर दूर नहीं किया गया तो संगठन को नुकसान पहुंच सकता है। चुनाव में भितरघात होने की भी आशंका जताई।
हालांकि, इस पूर्व अलग-अलग दो चुनावों में संगठन के कद्दावर ओर बाहुल्य जाति वर्ग दो कार्यकर्ताओं ने बगावत का बिगुल फूंककर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। जिसका एनडीए उम्मीदवार पर कोई असर नहीं पड़ा था। |
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