सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, आगरा। स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) के लिए मई 2025 से आवेदकों की आरटीओ के चक्कर लगाने का झंझट खत्म हो गया। आवेदकों द्वारा अब ऑटोमेटेड ड्राइविंंग ट्रैक पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में टेस्ट दिया जा रहा है। हर महीने 1500 से अधिक लोग स्थायी डीएल के आवेदन करते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अरतौनी में ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक का छह मई 2024 को हुआ था उद्घाटन
अरतौनी स्थित प्रत्यायन चालन प्रशिक्षण केंद्र (एडीटीसी) ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक का छह मई को उद्घाटन किया गया था। स्थायी डीएल के लिए आवेदन करने वाले अब सेंसर युक्त 60 कैमराें की निगरानी में ऑटोमेटेड ट्रैक पर टेस्ट दे रहे हैं। संभागीय परिवहन कार्यालय के आरआई की मौजूदगी में वाहन की चार तरह से पार्किंग करके दिखाने के बाद ही स्थायी डीएल, विभाग द्वारा जारी किया जाता।
स्थायी डीएल के लिए 60 सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में टेस्ट दे रहे लोग
केंद्र के निदेशक संजीव प्रजापति ने बताया कि सेंसर युक्त 60 कैमरे चालक की गलती को तत्काल पकड़ लेते हैं। सामान्य तौर पर 50 सेकेंड में एस शेप में कार को पार्किंग करने वाला टेस्ट में पास माना जाता है। जबकि 70 या उससे अधिक सेकेंड का समय लेने वाला फेल माना जाता है।
नई आउटसोर्सिंग कंपनी को मिली जिम्मेदारी
एक दिसंबर 2025 से आगरा समेत प्रदेश के सभी जिलों के डीएल अनुभाग में कर्मचारियों की तैनाती का जिम्मा नई कंपनी को मिला। इससे पूर्व कई वर्ष से यह जिम्मेदारी पूरे प्रदेश में एक सिर्फ एक कंपनी पर थी।संबंधित जनपद में स्थाई डीएल से संबंधित प्रक्रिया पूरी करने के बाद वह लखनऊ से जारी होता था।
इस वर्ष तीन आउटसोर्सिंग कंपनी को दिया है। प्रत्येक को आउटसोर्सिंग कंपनी को बार 25-25 जिलों में ठेका मिला। आगरा में फो-काम-नेट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा डीएल अनुभाग में एक सुपरवाइजर व पांच कर्मचारियों को तैनात किया गया है।जिससे डीएल बनवाने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। |