आगरा नगर निगम।
जागरण संवाददाता, आगरा। शहर को स्वच्छत बनाने के लिए नगर निगम और आम लोग ऐसे जुटे कि नए कीर्तिमान स्थापित हो गए। स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 में लंबी छलांग लगाते हुए आगरा नगर निगम ने देश में 10वां और प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की प्रतिस्पर्धा में चयन हुआ है। इसके साथ ही प्रोमिसिंग स्वच्छ सिटी आफ उप्र का विशेष पुरस्कार भी मिला। दिल्ली में उप्र की ओर से नगर विकास मंत्री एके शर्मा के साथ, मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाह और नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने पुरस्कार प्राप्त किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ठोस कचरा प्रबंधन में नवाचार, 100 प्रतिशत स्रोत स्तरीय कचरा पृथक्करण सहित दूसरे बिंदु शामिल
स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम ने वार्ड स्तर पर सर्वे किया। स्वच्छता की दिशा में नागरिकों की सक्रिय सहभागिता, ठोस कचरा प्रबंधन में नवाचार, 100 प्रतिशत स्रोत स्तरीय कचरा पृथक्करण, अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पादन की दिशा में कदम, मल प्रबंधन के लिए आधुनिक एफएसटीपी, और \“वेस्ट टू वंडर\“ जैसे रचनात्मक अभियानों पर काम ने शहर के विशेष पहचान दिलाई।
गाय के गोबर से बन रही खाद ने दिलाया ताज
स्वच्छ सर्वेक्षण में आगरा नगर निगम रफ्तार से दौड़ा तो कई बाधाओं को पार कर गया। शहर से विभिन्न स्वरूप में निकलने वाले 1200 टन कूड़े के निस्तारण के लिए कई योजना बनी। कूड़ा कलेक्शन सेंटर विभिन्न क्षेत्रों में तैयार हुए। कंप्रेस कर कूड़े को निस्तारण केंद्र पहुंचाया गया और तत्काल निस्तारण कराया गया। इसके साथ ही अपशिष्ठ प्रबंधन में बूस्टर डोज का काम गोबर से खाद के निर्माण ने किया।
कुबेरपुर स्थित इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी में काउ डंग टू कंपोस्ट प्लांट द्वारा वैज्ञानिक पद्धति से खाद का निर्माण हो रहा है। प्रतिदिन लगभग 100 टन गोबर से कंपोस्ट तैयार किया जा रहा है। इससे हरियाली को बढ़ाने और शहर को प्रदूषण रहित बनाने में मदद मिल रही है। इस जैविक खाद को शहर के पार्कों, सड़क किनारे, डिवायडर पर हरियाली करने में किया जा रहा है।
जेड गोल्ड पाने वाला बन चुका है प्रदेश का पहला नगर निगम
भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा वर्ष 2025 में जेड गोल्ड (जीरो इफेक्ट जीरो डिफेक्ट ) प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है। इस प्रमाण पत्र को पाने वाला आगरा नगर निगम प्रदेश का पहला नगर निगम है। जेड का आशय है कि किसी भी प्रणाली का संचालन इस प्रकार किया जाए कि उसका पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव हो और उत्पाद अथवा सेवाएं पूरी तरह से गुणवत्तापूर्ण व त्रुटिरहित हों। आगरा नगर निगम का काउ डंग टू कंपोस्ट प्लांट इन सभी मानकों पर खरा उतरा, जिसके चलते इसे जेड गोल्ड स्तर की मान्यता प्राप्त हुई।
ऐसे मिले अंक
प्रतिस्पर्धा के कुल अंक, 12500
कुल प्राप्त अंक - 11532
स्वच्छ सर्वेक्षण में, 10 हजार में से 9232 अंक मिले
जीएफसी में पांच सितारा, 1100 अंक मिले
वाटर प्लस में - 1200 अंक
कुल प्राप्त प्रतिशत, 92.2 प्रतिशत
गत वर्ष का आंकड़ा
प्रतिस्पर्धा के कुल अंक, 9500
कुल प्राप्त अंक, 6165
कुल प्रतिशत, 64.8 प्रतिशत
ये रहा पुराना आंकड़ा
स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में आगरा को ओवरआल रैकिंग में 85 वां स्थान मिला था। वर्ष 2022 में हुए सर्वे में भारत सरकार ने 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की रैंकिंग अलग से जारी की थी। इसमें आगरा का 23 वां स्थान था। वर्ष 2023 की ओवरआल रैंक के अनुसार 15 पायदान ऊपर चढ़े थे। इस बार भी स्वच्छ सर्वेक्षण तीन चरण में हुआ था। इसमें तीन श्रेणी थी, जिसमें उपश्रेणी भी थीं। इसके आधार पर भारत सरकार की टीम ने वार्ड स्तर पर पहुंच सर्वे किया था। निगम के कूड़ा निस्तारण प्लांट, सीवरेज प्लांट सहित दूसरे प्लांट की स्थिति को भी देखा था। इसमें लोगों के फीड बैक, पर्यावरण संरक्षण, नालियां, कूड़े के ढेर, कूड़ा निस्तारण की स्थिति, सार्वजनिक शौचालय की स्थिति सहित दूसरे बिंदु सम्मिलित थे। |