केएफसी। (फाइल)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ब्रिटेन के लंदन में केएफसी फ्रेंचाइजी आउटलेट में अपने मैनेजर पर गलत तरीके से बर्खास्तगी और नस्ली भेदभाव का आरोप लगाने वाले भारतीय ने न्यायाधिकरण में मुकदमा जीत लिया है। न्यायाधिकरण ने फैसले में 67,000 पाउंड का मुआवजा देने का आदेश दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
तमिलनाडु के रहने वाले मधेश रविचंद्रन ने रोजगार न्यायाधिकरण की सुनवाई में कहा कि उनके श्रीलंकाई मूल के तमिल बास ने भेदभाव किया और उन्हें गुलाम जैसे शब्दों से संबोधित किया।
न्यायाधीश पाल एबॉट ने नेक्सस फूड्स लिमिटेड के खिलाफ रविचंद्रन के गलत तरीके से बर्खास्तगी और नस्ली भेदभाव के दावे को सही ठहराया। फैसले में कहा गया, “हमने तथ्यों के आधार पर पाया है कि शिकायतकर्ता के साथ अनुचित व्यवहार किया गया उसकी छुट्टी का अनुरोध इसलिए अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि वह भारतीय था और रेस्तरां प्रबंधक काजन श्रीलंकाई तमिल सहकर्मियों के अनुरोधों को प्राथमिकता देना चाहता था। उसने उसे गंदा और गुलाम कहा, जो स्पष्ट रूप से उसकी नस्ल के कारण अनुचित व्यवहार है।\“\“
जनवरी 2023 में रविचंद्रन ने वेस्ट विकहम स्थित केएफसी आउटलेट में काम शुरू किया। काजन को उन्हें सीधे रिपोर्ट करना था। कई महीनों तक समस्याओं का सामना करने के बाद जुलाई 2023 में मामला तब और बिगड़ गया जब उनके बास ने रविचंद्रन से शिफ्ट में अत्यधिक घंटे काम करवाने की कोशिश की, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ) |