तारिक रहमान।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे और बांग्लादेश नेशनल पार्टी (बीएनपी) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान 17 साल के आत्मनिर्वासन से लौटने के बाद बांग्लादेश के मतदाता बन गए। शनिवार को उन्होंने औपचारिकताएं पूरी कीं, जिसे बाद उन्हें राष्ट्रीय पहचान पत्र (एनआइडी) सौंपा गया। इसके बाद वह पुश्तैनी बोगड़ा जिला की सदर (बोगड़ा-6) सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इससे पहले रहमान ढाका यूनिवर्सिटी परिसर में राष्ट्र कवि काजी नजरुल इस्लाम और कट्टरपंथी नेता उस्मान हादी की कब्र पर भी पहुंचे। हादी की पिछले दिनों गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यहां उन्होंने फातिहा भी पढ़ा। बंगाली दैनिक प्रथम आलो के मुताबिक बांग्लादेश में पहली बार 2008 में फोटो और बायोमीट्रिक डाटा आधारित मतदाता सूची की व्यवस्था शुरू की गई थी।
2007-08 के दौरान राजनीतिक उथल-पुथल के चलते देश में फखरुद्दीन अहमद के नेतृत्व में सैन्य शासन लागू था। उस दौरान तारिक रहमान राजनीतिक कैदी थे। 11 सितंबर, 2008 को रिहा होने के बाद वह लंदन चले गए थे। उस दौरान उनको मतदाता सूची में शामिल नहीं किया गया था। नई मतदाता सूची जारी होने के बाद चुनाव आयोग ने पुरानी सूची को रद कर दिया था। हालांकि, पात्र नागरिकों को ये छूट है कि वे कभी भी मतदाता सूची में नाम जुड़वा सकते हैं।
अवामी लीग ने उठाए सवाल
अवामी लीग ने रहमान को मतदाता सूची में शामिल किए जाने पर आपत्ति जताई है। पार्टी ने अपनी वेबसाइट पर एक पोस्ट में लिखा कि मोहम्मद यूनुस के शासनकाल में तारिक रहमान को एक के बाद एक कानून का उल्लंघन करके वरीयता दी जा रही है। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद किसी को मतदाता बनाना गैरकानूनी है, फिर भी तारिक रहमान को मतदाता बनाया गया है। ये अवैध काम भी शनिवार को किया गया है, जिस दिन सरकारी विभागों में छुट्टी रहती है।
पार्टी ने सवाल उठाया है कि ऐसा किसके निर्देश पर किया गया है। रहमान के लिए अलग नियम क्यों बनाए जा रहे हैं। ऐसे में संवैधानिक रूप से घोषित सिद्धांत कि \“\“कानून सभी के लिए समान है\“\“ कहां टिकता है।
तारिक रहमान सजायाफ्ता रह चुके हैं। देश में आने के बाद से ही वह किसी टोल प्लाजा पर टोल नहीं दे रहे हैं। इसके लिए आम नागरिक को पक्का तौर पर सजा मिलती। पार्टी ने लिखा छोटे अपराधों को अगर ताकत के बल पर वैधानिक जामा पहनाया जाएगा, तो इससे बड़े अपराधों को बढ़ावा मिलेगा।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ) |