सड़क हादसे का शिकार हुए 32 वर्षीय युवक के परिजनों को 1.26 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने एक अहम फैसले में, सड़क हादसे का शिकार हुए 32 वर्षीय युवक के परिजनों को 1.26 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह हादसा अक्टूबर 2023 में रोहिणी ईस्ट मेट्रो स्टेशन के पास हुआ था, जब एक डीटीसी बस की लापरवाही ने युवक की जान ले ली थी। हादसा 18 अक्टूबर, 2023 की दोपहर करीब 1:00 बजे रिठाला रोड पर हुआ था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मृतक मनीष कुमार चौधरी अपनी मोटरसाइकिल से जा रहे थे, तभी अचानक एक डीटीसी बस ने तेजी और लापरवाही से अपनी लेन बदल दी। इस अचानक हुए बदलाव के कारण मनीष की मोटरसाइकिल बस के पिछले हिस्से से टकरा गई। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मामले की सुनवाई के दौरान पीठासीन अधिकारी विक्रम ने पाया कि बस चालक संजय ने बेहद लापरवाही से गाड़ी चलाई थी। हालांकि, बचाव पक्ष ने दलील दी थी कि गलती मृतक की थी और वह बस को ओवरटेक करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन सीसीटीवी फुटेज ने सच्चाई साफ कर दी। ट्रिब्यूनल ने फुटेज के आधार पर पाया कि बस ने अचानक लेन बदली थी, जिससे मोटरसाइकिल सवार को संभलने का मौका नहीं मिला। अदालत ने चालक की कंट्रीब्यूटरी नेग्लिजेंस की दलील को पूरी तरह खारिज कर दिया।
मृतक मनीष एक निजी कंपनी में असिस्टेंट फ्लोर मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। ट्रिब्यूनल ने उनकी आय और परिवार की उन पर निर्भरता को देखते हुए यह फैसला सुनाया। मनीष की मां और बहन सहित तीन याचिकाकर्ताओं को मुआवजे का हकदार माना गया है। ट्रिब्यूनल ने बीमा कंपनी न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को निर्देश दिया है कि वह मुआवजे की कुल राशि 1.26 करोड़ रुपये विभिन्न शीर्षों के तहत ट्रिब्यूनल में जमा कराए, ताकि पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता मिल सके। |