बिहार में सब्जी उत्पादक किसानों के लिए नई नीति। फाइल फोटो
दीनानाथ साहनी, पटना। बिहा में सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार नई नीतियां और योजनाएं बना रही हैं, जिसमें किसानों को आधुनिक तकनीक अपनाने पर सब्सिडी, जैविक खेती को प्रोत्साहन, प्रोसेसिंग यूनिट्स पर सहायता और सब्जी मार्ट जैसी सुविधाएं मुहैया करायी जाएंगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नये साल में सरकार का प्रयास है कि किसानों द्वारा उत्पादित सब्जियों का उत्पादन और गुणवत्ता दोनों बेहतर हो। साथ ही नई नीति में सब्जी उत्पादक किसानों की आमदनी बढ़ाने और बाजार तक पहुंच सुनिश्चित करने पर जोर दिया जाएगा।
सरकार द्वारा सब्जी उत्पादक किसानों के लिए 235 करोड़ 54 लाख रुपये की लागत से मेगा फूड पार्क, डिहाइड्रेशन यूनिट, हल्दी प्रसंस्करण इकाई एवं टमाटर प्रसंस्करण इकाई की स्थापना की जा रही है। इस योजना पर सहकारिता विभाग की ओर से बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन योजना (वेजफेड) के माध्यम से कार्य कराया जा रहा है।
वेजफेड से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि सब्जी की खेती केवल पारंपरिक तरीका न रहे, बल्कि एक लाभकारी व्यवसाय बने। इसके लिए वे किसानों को सही तकनीक, बेहतर बीज, खाद और बिक्री के लिए बाजार उपलब्ध करा रही हैं, जिससे उनकी आय बढ़े और वे आत्मनिर्भर बन सकें।
सबसे अच्छी बात यह कि किसानों को जैविक खाद, बीज और कृषि उपकरणों पर 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर तक का अनुदान दिया जाएगा। इसके साथ ही किसानों द्वारा उत्पादित सब्जियों को बाजार और प्रोसेसिंग की सुविधा दी जाएगी।
पिछले साल सहकारिता विभाग की टीम केरल, तमिलनाडु व मध्यप्रदेश में सहकारी समितियों के कार्याें और उससे जुड़े किसानों की खेतीबाड़ी का अध्ययन करने गई थी। उस रिपोर्ट के आधार पर वेजफेड ने सहकारी समितियों को आगे बढ़ाने पर काम करने का निर्णय लिया है।
राजस्थान में फल-सब्जी प्रोसेसिंग यूनिट्स पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है, जिससे किसान अपनी उपज को खराब होने से बचा सकें और मूल्य संवर्धित उत्पाद बना सकें। इस माडल को भी बिहार में लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
समूह आधारित खेती को प्रोत्साहन
सरकार की नई पालिसी में राज्य में समूह आधारित सब्जी उत्पादन की खेती को बढ़ावा देने का प्रविधान किया जा रहा है। समूह पद्धति और महिला स्वयं सहायता समूहों को सब्जी उत्पादन के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा, ताकि रोजगार के अवसर बढ़ें और कृषि-व्यवसाय में वृद्धि हो। इसके लिए सब्जी उत्पादक किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी।
सब्जी उत्पादक किसानों को संगठित कर उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना सरकार की प्राथमिकता है। वेजफेड के माध्यम से सब्जी उत्पादन, संग्रहण, प्रसंस्करण एवं विपणन की समुचित व्यवस्था सुदृढ़ की जाय, ताकि किसानों की आय में वास्तविक वृद्धि सुनिश्चित की जा सके।
सब्जी उत्पादक किसानों के हितों की रक्षा के लिए सब्जी उत्पादन से लेकर विपणन तक की पूरी श्रृंखला को मजबूत करना सुनिश्चित किया जाएगा।
आगे आने वाले दिनों में वेजफेड के माध्यम से राज्य सरकार \“मेगा फुड पार्क\“ निर्माण करने की योजना क्रियान्वित की जाएगी, जिसके माध्यम से कृषि उत्पादों को खेत से सीधे प्रसंस्करण और बाजार तक जोर कर मूल्य-संवर्धन, खाद्य अपव्यय में कमी और रोजगार सृजन करना संभव हो सकेगा। साथ ही \“डिहाइड्रेशन यूनिट\“ का भी निर्माण कार्य कराया जाएगा, जिससे फल-सब्जियों की भंडारण अवधि में वृद्धि होगी और उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध हो सकेगा। हल्दी प्रसंस्करण इकाई के निर्माण पर भी काम प्रारंभ होगा, जिसके माध्यम से कच्ची हल्दी के स्थान पर प्रसंस्कृत उत्पादन से अधिक मूल्य किसानों को सुनिश्चित हो सकेगा। सब्जी उत्पादक किसानों को संगठित कर उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। वेजफेड के माध्यम से सब्जी उत्पादन, संग्रहण, प्रसंस्करण एवं विपणन की समुचित व्यवस्था सुदृढ़ की जाएगी, ताकि किसानों की आय में वास्तविक वृद्धि सुनिश्चित की जा सके। -सहकारिता मंत्री डॉ. प्रमोद कुमार |