श्री हरिमंदिर साहिब में सजाए गए जलो। (फोटो- राघव)
जागरण संवाददाता, अमृतसर। खालसा पंथ के सृजक दशम पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह महाराज का प्रकाश पर्व आज पूरे श्रद्धा, सम्मान और धार्मिक मर्यादा के साथ मनाया जा रहा है। इस पावन अवसर पर श्री हरिमंदिर साहिब में देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु नतमस्तक होने पहुंच रहे हैं और सरबत के भले के लिए अरदास कर रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह दिन इसलिए भी विशेष महत्व रखता है क्योंकि इन्हीं दिनों गुरु साहिब के चारों साहिबजादों, बाबा अजीत सिंह जी, बाबा जु्झार सिंह जी, बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी, की शहादत के दिवस भी आते हैं। कम उम्र में अत्याचार के सामने अडिग रहकर साहिबजादों ने यह सिद्ध कर दिया कि धर्म, सत्य और मानवता के लिए बलिदान सर्वोपरि है।
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श्री हरिमंदिर साहिब में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़।
श्री हरिमंदिर साहिब में सजाए गए जलो
श्री हरिमंदिर साहिब में इस दौरान जलो भी सजाए गए। श्री हरिमंदिर साहिब में भेंट किए गए बहुमूल्य रत्नों, सोने-चांदी के आभूषणों और हीरे-जवाहरात जड़े छत्र आदि का भव्य प्रदर्शन भी किया गया। हजूरी रागी जत्थों द्वारा गुरबाणी कीर्तन किया गया।
इस अवसर पर हजूरी रागी भाई जु्झार सिंह ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी का संघर्ष किसी धर्म या कौम के विरुद्ध नहीं था, बल्कि अन्याय और जुल्म के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब ने मानवता की रक्षा के लिए अपना पूरा परिवार तक बलिदान कर दिया। आज जरूरत है कि संगत गुरु की बाणी और शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाए।
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आज नहीं होगी आतिशबाजी
चार साहिबजादों की शहादत को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष प्रकाश पर्व के अवसर पर आतिशबाजी नहीं की जा रही है। केवल दीपमाला के माध्यम से गुरुपर्व मनाया जा रहा है, जिसकी संगतों ने सराहना की। इस दौरान आज शाम श्री हरिमंदिर साहिब के सरोवर के चारों तरफ देसी घी के दीप जलाए जाएंगे।
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