अजित कुमार, मुजफ्फरपुर। जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले ढाई लाख से अधिक विद्यार्थियों का अब तक APAR (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) नहीं बन पाया है। मुख्यालय स्तर से APAR निर्माण में तेजी लाने के निर्देश मिलने के बाद जिला शिक्षा विभाग ने एक बार फिर अभियान चलाने का निर्णय लिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिले के 4109 सरकारी विद्यालयों में कुल छात्रों में से लगभग 74 प्रतिशत का APAR कार्ड बन चुका है, जबकि 29.96 प्रतिशत अब भी पेंडिंग है। शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक 6,70,753 छात्रों का APAR तैयार किया जा चुका है।
आधार की कमी बन रही सबसे बड़ी बाधा
APAR निर्माण में सबसे बड़ी परेशानी उन छात्रों को लेकर है, जिनके पास आधार कार्ड नहीं है। जिले में हजारों बच्चे ऐसे हैं, जिनका आधार अब तक नहीं बन सका है। बिना आधार के APAR कार्ड बनाना संभव नहीं है। दूसरी ओर शिक्षा विभाग के तहत चल रहे कई आधार सेंटर बंद होने से समस्या और बढ़ गई है।
अभियान चलाकर बनेगा APAR: डीपीओ
डीपीओ (सर्व शिक्षा अभियान) सुजीत कुमार दास ने बताया कि जिन छात्रों के पास आधार उपलब्ध है, उनका APAR तुरंत बनाया जाएगा। वहीं बिना आधार वाले विद्यार्थियों की सूची स्कूल स्तर पर तैयार की जाएगी और उन्हें आधार केंद्रों से जोड़ा जाएगा। इस संबंध में सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि APAR निर्माण में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
क्या है APAR कार्ड
APAR कार्ड सरकार की ‘एक देश, एक छात्र पहचान’ व्यवस्था का हिस्सा है। इसमें प्रत्येक छात्र को 12 अंकों की स्थायी डिजिटल पहचान दी जाती है। यह नई शिक्षा नीति 2020 के तहत लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य छात्रों के सभी शैक्षणिक रिकॉर्ड—मार्कशीट, प्रमाणपत्र, डिग्री, छात्रवृत्ति—को डिजिटल रूप से एक ही प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित रखना है। APAR कार्ड को डिजी लॉकर के माध्यम से बनाया और डाउनलोड किया जा सकता है। यह फिलहाल स्वैच्छिक है, लेकिन धीरे-धीरे इसे अनिवार्य किया जा रहा है।
प्रखंडवार APAR पेंडिंग
- मुशहरी: 54,072
- कुढ़नी: 27,043
- मोतीपुर: 26,317
- सकरा: 20,445
- मीनापुर: 15,919
- पारू: 15,545
- सरैया: 14,649
- कांटी: 13,454
- औराई: 12,660
- गायघाट: 12,392
- बोचहां: 10,418
- कटरा: 8,790
- साहेबगंज: 8,446
- बंदरा: 6,562
- मड़वन: 6,217
- मुरौल: 2,585
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