यूपी में सेंगुर नदी किनारे यहां कच्चे तेल के लिए खोदाई, 18 जगहों पर बोरिंग कर धमाकों से उत्पन्न तरंगों को किया रिकार्ड

cy520520 2025-12-22 00:37:34 views 422
  

भूटा गांव के पास सेंगुर नदी किनारे खेत में बोरिंग करते कर्मचारी। कर्मी



संवाद सहयोगी, बिधूना (औरैया)। कच्चे तेल (क्रूड आयल) की संभावना में लगी अल्फाजियो (इंडिया) लिमिटेड कंपनी की टीम ने रविवार को पूरे दिन रुरुगंज व भूटा गांव में संभावनाओं को तलाश। 18 जगहों पर बोरिंग की गई। टीम का अछल्दा के बाद बिधूना और अजीतमल क्षेत्र में डेरा है। शनिवार को कंपनी के कर्मियों ने बिधूना के धनवाली सामपुर गांव के पास जंगलात में आठ जगहों पर बोरिंग कर भूमिगत धमाके किए थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

  
15 दिन में सर्वे पूरा किया

बोरिंग स्थल से 20 मीटर दूर पर ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से आसपास के क्षेत्रों में संभावनाओं को तलाशा गया। वहीं, धमाकों से उत्पन्न तरंगों को रिकार्ड किया जा रहा। फील्ड इंचार्ज संतोष मौर्या ने बताया कि इस जनपद में करीब 15 दिन के अंदर सर्वे पूरा होगा।

  
180 फीट गहरी खोदाई

सबसे पहले दिल्ली की टीम ने अछल्दा ब्लाक के गांव हसनपुर में 18 दिसंबर बुधवार को अपना डेरा डाला था। जहां दो टीमें अभी भी हैं। सेंगुर नदी के किनारे 180 फीट गहरी खोदाई की गई। इसके बाद अजीतमल के सेगुनपुर में सर्वे किया गया था। शनिवार को बिधूना क्षेत्र के धनवाली सामरपुर गांव में नदी किनारे अपना डेरा डाल लिया था। बिधूना तहसील क्षेत्र के सेंगुर नदी किनारे बसे अन्य कुछ गांवों में भी टीम सक्रिय है।

  
मिले तेल होने के अंश

टीम में शामिल सदस्यों ने बताया कि कच्चा तेल पृथ्वी की पपड़ी से निकलने वाला तरल हाइड्रोकार्बन है, जिसे ईंधन और विभिन्न रासायनिक उत्पादों (जैसे पेट्रोल, डीजल, केरोसिन) में बदलने के लिए रिफाइनरियों में संसाधित किया जाता है। गांव सामपुर धनवाली के जंगलात में बोरिंग की गई। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि अलग-अलग स्थानों पर बोरिंग और अन्य विज्ञानिक विधियों से कच्चे तेल की खोज कर रहे हैं। जिन स्थानों पर तेल होने के अंश प्राप्त हुए हैं वहां पर तिपाई लगाकर बोरिंग कराई जा रही है। जमीन के अंदर ब्लास्ट कर रीडिंग ली जा रही है। गणना के बाद ही तेल के भंडार होने के बारे में पता चल सकेगा।

  
500 मजदूरों को लगाया गया

बताया गया कि इस तेल भंडार का पता लगाने के लिए सर्वेयर, लोडिंग, शूटर समेत छह टीमों द्वारा काम को अलग अलग बांटा गया है। करीब 500 मजदूरों के साथ 45 बोरिंग करने वाली मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। कंपनी को जिले में जहां-जहां कच्चा तेल होने के संकेत मिल रहे हैं। वह वहां-वहां विज्ञानिक विधि से बोरिंग करा रही है। कच्चा तेल होने की पुष्टि के बाद इस दिशा में कार्य आगे बढ़ाया जाएगा।  

  
पर्याप्त मात्रा में हाइड्रोकार्बन पदार्थ मिलने पर क्षेत्र की बदल सकती तकदीर

गांव भूटा और रुरुगंज गांव में कई जगहों पर कंपनी के कर्मियों ने तिपाई लगाकर बोरिंग की। जिन स्थानों पर तेल होने के अंश प्राप्त हुए हैं, वहां पर बोरिंग कराई जा रही है। फील्ड इंचार्ज संतोष ने बताया कि तरंगों के जरिए एकत्रित डाटा की जानकारी मिलने पर उचित मात्रा में हाइड्रोकार्बन पदार्थ मिला तो क्षेत्रीय लोगों को सबसे बड़ा लाभ मिलेगा।

  

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