जागरण संवाददाता, करनाल। नीलोखेड़ी के गांव अरजाहेड़ी में सरकारी जमीन को फर्जीवाड़ा कर बेचने के दोषियों को चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट खुशबु गोयल की अदालत ने तत्कालीन बीडीपीओ, नायब तहसीलदार, सरपंच सहित 13 दोषियों को सात साल कैद और 40 हजार रुपये जुर्माने सजा सुनाई है। इन आरोपितों के खिलाफ 3 जून 2014 में बुटाना थाना में मामला दर्ज किया गया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिला न्यायवादी डा. पंकज सैनी ने बताया कि जांच सहायक जिला न्यायवादी अमृतपाल सिंह ने की। अमृतपाल ने बताया कि इस मामले की जांच डीसी के आदेश पर हुई थी। आठ महीने तक इस मामले की जांच चली। जांच रिपोर्ट के बाद मामला दर्ज किया गया था। जो एक गिरोह के रूप में काम करता था और सरकारी जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करा दूसरे को महंगे दाम में बेच देते थे।
अरजाहेड़ी गांव में 833 गज के प्लाट को फर्जी तरीके से बेच दिया था। इस मामले में तत्कालीन बीडीपीओ कुलजीत सिंह दहिया, नायब तहसीलदार ईश्वर सिंह मलिक, रजिस्ट्री कलर्क कर्मबीर, रिटायर्ड पटवारी दलेल सिंह, वसीकानवीस हरिश कुमार, सरपंच ईश्वरी देवी, पंच राजकुमार, जयपाल, देशराज, ईश्वर नवंरदार, राजेंद्र पाल, कर्म सिंह को सजा सुनाई गई है।
एक आरोपी फरार, दो की हो चुकी मौत
मामले में एक आरोपित अभी तक पुलिस गिरफ्त में नहीं आ सका है और उसे भगौड़ा बताया गया है। वहीं, रामप्रसाद और नानकी देवी की मौत हो चुकी है। कोर्ट ने आदेश दिया कि उसकी गिरफ्तारी तक केस की फाइल सुरक्षित रखी जाए, ताकि भविष्य में उसकी पेशी होने पर मामले को दोबारा बहाल किया जा सके। |