शेयर बाजारों में, निफ्टी फार्मा इंडेक्स 2.42 फीसदी तक गिरकर 21,445.50 के निचले स्तर पर पहुंच गया।
नई दिल्ली। जिस मुसीबत का अंदेशा फार्मा सेक्टर को था आखिर वही हुआ। ट्रंप टैरिफ से अब जो सेक्टर बचा हुआ था उस पर भी अमेरिकी राष्ट्रपति ने डोनल्ड ट्रंप ने गाज गिरा ही दी। ट्रंप ने किसी भी ब्रांडेड या पेटेंटेड दवा के आयात पर 100 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रह है कि इसका असर भारतीय फार्मा कंपनियों पर कितना होगा।
इस साल अब तक 6 फीसदी से ज्यादा की गिरावट से जूझ रही फार्मा इंडस्ट्री को एक और संभावित झटका लगा है।
ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में, ट्रम्प ने कहा, “1 अक्टूबर, 2025 से, हम किसी भी ब्रांडेड या पेटेंटेड दवा उत्पाद पर 100 फीसदी टैरिफ लगाएंगे। यह उन पर लगता रहेगा जब तक कि कोई कंपनी अमेरिका में अपना दवा बनाने का प्लांट नहीं बना लेती या बनाने का काम शुरू नहीं करती। \“निर्माण\“ का अर्थ होगा, \“भूमि निर्माण\“ या \“निर्माणाधीन\“। इसलिए, यदि निर्माण शुरू हो गया है, तो इन दवा उत्पादों पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा।“
शेयर बाजारों में, निफ्टी फार्मा इंडेक्स 2.42 फीसदी तक गिरकर 21,445.50 के निचले स्तर पर पहुंच गया। सन फार्मा 4.87 फीसदी गिरकर ₹1,548 के नए 52-सप्ताह के निचले स्तर पर आ गया, जबकि ग्लैंड फार्मा 4.70 फीसदी गिरकर ₹1,880 पर आ गया। बायोकॉन 3.68 फीसदी गिरकर ₹342.85 पर आ गया। लॉरस लैब्स, इप्का लैब्स, डिविस, जाइडस लाइफ, एल्केम लैब्स, सिप्ला, अजंता फार्मा, डॉ रेड्डीज़, टोरेंट फार्मा, एबॉट इंडिया और ग्लेनमार्क सहित अन्य फार्मा शेयरों में 0.8 से 3.2 फीसदी तक की गिरावट आई।
इन भारतीय फार्मा कंपनियों के अमेरिका में बड़े बिजनेस
डॉ. रेड्डीज, सिप्ला, ल्यूपिन, ज़ाइडस लाइफ, अरबिंदो फार्मा, बायोकॉन और ग्लेनमार्क फार्मा सहित कई भारतीय दवा निर्माता कंपनियां अपने राजस्व का बड़ा हिस्सा अमेरिकी बिक्री से कमाती हैं, जिस पर निवेशक बड़ी नजर बनाए हुए हैं।
कैसे होगा दवा पर 100% ट्रंप टैरिफ बेअसर
ट्रंप का 100 फीसदी टैरिफ भले ही थोड़े समय में फार्मा शेयरों के लिए एक बड़ा नकारात्मक पहलू हो लेकिन इसका असर भारत की फार्मा कंपनियों पर ज्यादा नहीं होने वाला है।
हम ऐसा इसलिए कह रहे है क्यों Dr Reddys, Sun Pharma, Lupin और Aurobindo फार्मा जेनरिक दवाएं बनाते हैं। साथ ही इनके प्लांट भी अमेरिका में मौजूद हैं।
जिसकी वजह ट्रंप इन पर टैरिफ नहीं लगाएंगे। वहीं सन फार्मा और बायोकॉन अमेरिका में प्रमुख ब्रांडेड कंपनियां हैं। बायोकॉन ने इस महीने ही अमेरिका में एक नया संयंत्र चालू किया है, जो टैरिफ जोखिम से सुरक्षित रूप से बाहर है, जबकि सन फार्मा पर इसका प्रभाव पड़ सकता है।chandigarh-general,MiG-21 retirement,Indian Air Force,fighter jet,super sonic fighter plane,defence minister Rajnath Singh,Wing Commander Rajeev Bhatish,Chandigarh event,MiG-21 history,India Pakistan war 1971,MiG-21 fighter plane,Punjab news
भारत फार्मा निर्यात में सबसे आगे फिर भी नुकसान नहीं
EM Asia economist के मुताबिक अमेरिका की ट्रंप सरकार ने 1 अक्टूबर से कुछ नए टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने की घोषणा की है।
अब पेटेंट की हुई दवाओं पर 100% टैरिफ लगेगा, हालांकि जेनरिक दवाएं इससे बाहर रखी गई हैं। यूरोपीय यूनियन (EU) के साथ हुई डील में 15% फार्मा टैरिफ तय किया गया था, अब सवाल ये है कि क्या इससे यूरोपीय दवा कंपनियों को इस 100% टैरिफ से राहत मिलेगी।
एशिया में सिंगापुर और भारत फार्मा निर्यात में सबसे आगे हैं, लेकिन भारत की अधिकतर दवाएं जेनरिक होती हैं, इसलिए उसे फिलहाल इस टैरिफ से नुकसान नहीं होगा।
इसके अलावा भारी ट्रकों पर 25%, किचन कैबिनेट और बाथरूम वैनिटी पर 50%, और अपहोल्स्टर्ड फर्नीचर (गद्देदार फर्नीचर) पर 30% का टैरिफ लगाया गया है।
इससे वियतनाम को बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि अमेरिका में अपहोल्स्टर्ड फर्नीचर के लिए वियतनाम दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक (5.7 अरब डॉलर) है और किचन कैबिनेट में तो वियतनाम पहले नंबर पर है (8.3 अरब डॉलर का निर्यात)।
चीन भी इस टैरिफ से प्रभावित होगा, लेकिन वियतनाम पर असर ज्यादा होगा। अब नजर इस पर है कि क्या वियतनाम को भी EU की तरह 20% टैरिफ की सीमा का फायदा मिलेगा या नहीं जो अभी असंभव लगता है।
“शेयर से जुड़े अपने सवाल आप हमें business@jagrannewmedia.com पर भेज सकते हैं।“
(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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