बच्चे के शव को निकालने के लिए खोदाई कराती पुलिस।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत। जिला महिला अस्पताल में प्रसव के दौरान नवजात की मौत और अस्पताल स्टाफ पर रिश्वत मांगने के आरोपों ने तूल पकड़ लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह ने दफन किए नवजात के शव को कब्र से निकलवाकर पोस्टमार्टम कराने के आदेश दिए। शुक्रवार को मजिस्ट्रेट और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मुक्तिधाम में कब्र खुदवाकर शव को बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
थाना सुनगढ़ी क्षेत्र की मैत्री बाग कालोनी निवासी मृदुल सिंह ने डीएम को दिए शिकायती पत्र में गंभीर आरोप लगाए थे। बताया था कि पत्नी प्रिया सिंह को दो दिसंबर की रात जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया था। आरोप है कि प्रसव के दौरान अस्पताल स्टाफ ने पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसे देने से मृदुल ने मना कर दिया। तीन दिसंबर की सुबह प्रिया ने एक नवजात को जन्म दिया, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आरोप था कि मृत नवजात के सिर पर गहरे चोट के निशान थे, इससे शक पैदा हुआ कि प्रसव के दौरान लापरवाही बरती गई। स्वजन ने जब जानकारी मांगी, तो चिकित्सक और स्टाफ ने उनके साथ अभद्रता की और कथित तौर पर दबाव बनाकर सादे कागजों पर हस्ताक्षर भी करवा लिए।
उस समय परिजनों ने बिना किसी कानूनी कार्रवाई के शव को मुक्तिधाम में दफन कर दिया था, लेकिन बाद में न्याय की गुहार लगाते हुए शासन और जिला स्तर पर शिकायत दर्ज कराई। डीएम के आदेश पर शुक्रवार को नायब तहसीलदार पारितोष द्विवेदी, सीओ सिटी दीपक चतुर्वेदी और प्रभारी निरीक्षक सुनगढ़ी नरेश त्यागी मुक्तिधाम पहुंचे।
स्वजन की निशानदेही पर कब्र खुदवाकर नवजात के शव को बाहर निकाला। प्रशासनिक पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
नवजात के शव को कब्र से निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण स्पष्ट हो सकेगा। रिपोर्ट और साक्ष्यों के आधार पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।- दीपक चतुर्वेदी, सीओ सिटी, पीलीभीत |
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