राजनगर एक्सटेंशन स्थित गौर कैस्केट्स सोसायटी। फोटो- जागरण
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन स्थित गौर कैस्केड्स सोसायटी के निवासी बिल्डर की लापरवाहियों के चलते भारी संकट से जूझ रहे हैं। गौर कैस्केड्स अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (जीसीएओए) ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शिकायत पत्र भेजकर आरोप लगाया है कि बिल्डर द्वारा पर्यावरणीय मंजूरी (ईसी) और संचालन की सहमति (सीटीओ) में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं की हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसी कारण सोसायटी का सीटीओ रिन्यू नहीं हो रहा है। एओए की शिकायत के मुताबिक, पर्यावरणीय मंजूरी की शर्तों के अनुसार सोसायटी में 500 केएलडी (किलो लीटर प्रति दिन) क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाना था। लेकिन मौके पर मात्र 70 केएलडी क्षमता का छोटा सा एसटीपी लगाया गया है। जो सोसायटी में उत्पन्न होने वाले गंदे पानी को ट्रीट करने में पूरी तरह असमर्थ है।
एओए पदाधिकारियों ने बताया कि सोसायटी में वास्तविक फ्लैटों की संख्या 1140 है, जबकि बिल्डर को सीटीओ 1292 फ्लैटों के लिए जारी किया गया। डीजी सेट की मंजूरी में 6250 केवीए क्षमता के डीजी सेट का प्रस्ताव था, लेकिन मौके पर केवल सिर्फ 1760 केवीए के क्षमता का डीजी सेट लगाया गया।
एओए ने बताया कि सीटीओ की शर्तों के मुताबिक बिल्डर को तीन माह में केंद्रीय भूजल प्राधिकरण से एनओसी लेनी थी, जो अभी तक भी उपलब्ध नहीं कराई गई है। उन्होंने बताया कि बिल्डर ने बिल्डिंग प्लान, बिल्ट-अप एरिया, एसटीपी और डीजी सेट की लोकेशन तक में बदलाव किए।
लेकिन संबंधित विभाग को सूचित नहीं किया। गौर कैस्केड्स एओए के सचिव पुनीत गोयल ने बताया कि 2019 से लगातार बिल्डर से जरूरी दस्तावेज और सुधार की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
बिल्डर की इन्हीं लापरवाहियों से सीटीओ का नवीनीकरण अटक गया है। एओए ने यूपीपीसीबी से मामले का जांचकर कार्रवाई करने की मांग की है। इस संबंध में कंपनी की सीईओ वीनू सिंघल से संपर्क करने के लिए उन्हें काल और मैसेज किया गया लेकिन उन्होंने कोई भी जवाब नहीं दिया। |