जागरण संवाददाता, देहरादून। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले दिन दून का परेड मैदान विविधता की अनूठी छटा से सराबोर दिखा। देशभर के विभिन्न राज्यों से पहुंचे छात्र-छात्राओं ने अपने-अपने पारंपरिक परिधानों में उपस्थित होकर ‘लघु भारत’ का भाव साकार किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सुबह ध्वजारोहण के साथ अधिवेशन का औपचारिक शुभारंभ हुआ। इसके पश्चात एक स्वर में गाए गए सामूहिक वंदे मातरम् ने पूरे वातावरण को राष्ट्रभाव से भर दिया। प्रत्येक प्रांत के प्रतिनिधियों की सांस्कृतिक पहचान उनके वेशभूषा और समूह उपस्थिति में स्पष्ट झलक रही थी।
देवभूमि उत्तराखण्ड ने भी मेजबान की भूमिका बखूबी निभाई। ढोल, रणसिंहा, मंजीरा जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों की गूंज के बीच प्रतिभागियों का भव्य स्वागत किया गया।
स्थानीय लोकनृत्य शैलियों की प्रस्तुति ने आगंतुक प्रतिनिधियों को उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत का जीवंत अनुभव कराया।अधिवेशन के पहले ही दिन देश की सांस्कृतिक विविधता और युवाशक्ति का यह संगम देहरादून में अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता दिखाई दिया।