deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

अल-फलाह यूनिवर्सिटी के ट्रस्ट पर कसा शिकंजा, जामिया नगर तक पहुंची घोटाले और टेरर फंडिंग के जांच की आंच

LHC0088 2025-11-13 05:35:59 views 803

  



मुहम्मद रईस, दक्षिणी दिल्ली। लाल किला के पास 10 नवंबर को हुए आतंकवादी हमले में डॉ. शाहीन, डाॅ. उमर और डाॅ. मुजम्मिल का नाम आने के बाद से फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी जांच के घेरे में है। तीन राज्यों की पुलिस के साथ ही केंद्रीय जांच एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी में डेरा डाल रखा है। जांच की आंच अब दक्षिणी दिल्ली के जामिया नगर तक पहुंच चुकी है। यूनिवर्सिटी का संचालन करने वाली अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट का दफ्तर यहीं है। खाड़ी देशों से फंड लेने के आरोप तो हैं ही, मैनेजिंग ट्रस्टी का नाम भी घोटाले तक में आ चुका है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सबसे पहले इंजीनियरिंग काॅलेज की स्थापना की

ट्रस्ट के 274-ए, अल-फलाह हाउस, जामिया नगर स्थित इसी दफ्तर से यूनिवर्सिटी से संबंधित सारे पत्राचार होते हैं। कई अहम दस्तावेज भी यहीं हैं। बुधवार को जांच एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी की जमीन से संबंधित दस्तावेज मंगाए, जिन्हें यहां से पीडीएफ फार्मेट में भेजा गया।

शिक्षण संस्थान स्थापित करने के मकसद के साथ जवाद अहमद सिद्दीकी ने अपने भाई सुफियान अहमद सिद्दीकी समेत परिवार की उस्मा अख्तर व शिमा सिद्दीकी के साथ मिलकर अक्टूबर 1995 में अल-फलाह ट्रस्ट बनाया। खुद इसके मैनेजिंग ट्रस्टी बने। फरीदाबाद में 1997 में ट्रस्ट ने अल-फलाह इंजीनियरिंग काॅलेज की स्थापना की।
वर्ष 2014 से यूनिवर्सिटी के चांसलर भी

वर्ष 2010 में इसे नैक से ए ग्रेड मिला, तो वहीं 2014 में ट्रस्ट की यूनिवर्सिटी को हरियाणा विधानसभा में मान्यता दी। जबकि वर्ष 2019 में मेडिकल कालेज की शुरुआत हुई। जवाद अहमद सिद्दीकी मैनेजिंग ट्रस्टी होने के साथ ही वर्ष 2014 से यूनिवर्सिटी के चांसलर भी हैं।

वर्ष 1996 में अल-फलाह इन्वेस्टमेंट लिमिटेड शुरू किया, जिसके मैनेजिंग डायरेक्टर भी वही हैं। वहीं उस्मा अख्तर अल-फलाह स्कूल आफ इंजीनियरिंग के गवर्निंग बाडी की सदस्य भी हैं और वर्तमान में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रहती हैं।

हालांकि, ट्रस्ट से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक ट्रस्ट ने आज तक देश या विदेश से किसी से कोई चंदा नहीं लिया है। उन्होंने दावा किया कि यूनिवर्सिटी फीस से होने वाली आमदनी से संचालित है।
40 प्रतिशत अल्पसंख्यक कोटा

मेडिकल काॅलेज के 750 छात्र-छात्राओं समेत यूनिवर्सिटी में कुल 1500 विद्यार्थी हैं, जिनमें से करीब दस प्रतिशत यानी लगभग 150 स्टूडेंट कश्मीर मूल के हैं। यूनिवर्सिटी अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान है, ऐसे में अल्पसंख्यक छात्रों का कोटा भी यहां 40 प्रतिशत के आस-पास है। एमबीबीएस में प्रवेश नीट के माध्यम से लिए जाते हैं।
निवेश घोटाले में भी उभरा था नाम

अल-फलाह ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी जवाद अहमद सिद्दीकी का नाम 15 से अधिक कंपनियों से जुड़े हैं। ओखला से 2002-03 के आस-पास अल-फलाह इन्वेस्टमेंट ने \“इस्लामिक प्राॅफिट स्कीम\“, 35-40 प्रतिशत रिटर्न और हज यात्रियों के लिए \“हलाल फाइनेंसिंग\“ योजना शुरू की।

स्कीम ज्यादा दिन तक चल नहीं पायी और सैकड़ों निवेशक अपनी जमा पूंजी गंवा बैठे। जवाद अहमद सिद्दीकी और उनके दो भाइयों पर निवेशकों से धोखाधड़ी के कथित आरोप लगे। उनकी कंपनी पर आरबीआइ ने कार्रवाई करते हुए एनबीएफसी रजिस्ट्रेशन भी रद किया।
इंदौर के महू कस्बे में भी धोखाधड़ी का मामला

जवाद अहमद सिद्दीकी इंदौर जिला (मध्य प्रदेश) महू कस्बे का रहने वाला है। उसने इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से बीटेक की पढ़ाई की है। जवाद ने सबसे पहले महू में अल-फलाह इन्वेस्टमेंट कंपनी के नाम से कारोबार शुरू किया था।

मुनाफे का लालच देकर लोगों से निवेश कराया। फिर 2001 में आर्थिक गड़बड़ी के बाद परिवार समेत दिल्ली भाग गया। पुलिस ने जवाद और उसके परिवार के पुराने रिकार्ड की भी जांच शुरू कर दी है।

यह भी पढ़ें- दिल्ली पर हमला: विस्फोट की मार से शरीर के ऊपरी हिस्सों के उड़े चीथड़े, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

310K

Threads

0

Posts

1010K

Credits

Forum Veteran

Credits
100508