जानिए साबुन के बिना नहाने के फायदे (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सेहतमंद रहने के लिए सिर्फ खानपान और एक्सरसाइज ही जरूरी नहीं है, बल्कि हाइजीन का ध्यान रखना भी जरूरी है। शरीर की साफ-सफाई हमें हेल्दी रखने में मदद करती है और कई तरह के कीटाणुओं को भी दूर करती है। बात जब भी पर्सनल हाइजीन की आती है, तो नहाना हमेशा पहले नंबर पर आता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शरीर की सही देखभाल और उसे साफ रखने के लिए नहाना बेहद जरूरी होता है। कई लोगों का ऐसा मानना है कि साबुन या बॉडी वॉश के बिना नहाना अधूरा होता है, लेकिन हाल ही चकदे इंडिया फेम एक्ट्रेस विद्या मालवड़े ने अपने एक इंस्टाग्राम वीडियो पर बताया कि उन्होंने 10 साल से साबुन से नहीं नहाया, लेकिन इसका बावजूद उनकी स्किन काफी सॉफ्ट और हेल्दी है।
उन्होंने यह भी बताया कि साबुन की जगह वह नहाने के लिए पारंपरिक तरीका इस्तेमाल करती हैं। एक्ट्रेस के मुताबिक वह नहाते समय साबुन छोड़कर सादे पानी, गुलाब जल, या यहां तक कि पारंपरिक बेसन उबटन का इस्तेमाल करती है। आइए आज आपको बताते हैं क्या नहाने के लिए सच में जरूरी है साबुन या इसके बिना भी चल जाता है काम-
क्या हमें सचमुच रोजाना साबुन की जरूरत है?
हेल्थ एक्सपर्ट के मानें, तो ज्यादातर लोगों को रोजाना साबुन इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं होती। साल 2024 में हुए एक अध्ययन में भी यह बात सामने आई थी कि पानी से नहाने वालों और क्लींजर का इस्तेमाल करने वालों की स्किन में कोई अंतर नहीं पाया गया।
हालांकि, साबुन का इस्तेमाल न करने का मतलब यह नहीं कि आपको इसकी जरूरत भी नहीं। अगर आपको बहुत पसीना आता है, बाहर काम करते हैं या प्रदूषित शहर में रहते हैं, तो सिर्फ पानी पर्याप्त नहीं हो सकता। बगल, कमर, सिर और पैरों जैसे हिस्सों को अक्सर दुर्गंध, मुंहासों या इन्फेक्शन से बचाने के लिए सफाई की जरूरत होती है। ऐसे में साबुन इसमें आपकी मदद कर सकता है। View this post on Instagram
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बिना साबुन के नहाने के फायदे?
रोजाना साबुन से नहाना स्किन के लिए कई तरह से हानिकारक हो सकता है। खासकर सेंसिटिव या एक्जिमा- प्रोन स्किन के लिए हार्ड साबुन या क्लींजर हानिकारक हो सकते हैं। दरअसल, हमारी स्किन नेचुरल ऑयल और लिपिड बनाती है, जिससे यह फ्लैक्सिबल और हाइड्रेटेड रहती है। ऐसे में जब आप रोज साबुन से नहाते हैं, तो स्किन से ये ऑयल हट जाता है और स्किन ड्राई, परतदार या खुजलीदार महसूस होती है। साथ ही ज्यादा साबुन का इस्तेमाल स्किन माइक्रोबायोम (स्किन पर रहने वाले बैक्टीरिया और फंगस) के बैलेंस को बिगाड़ देता है।
वहीं, दूसरी जगह सिर्फ पानी से नहाने से आप उन नेचुरल लिपिड को अपनी जगह पर रहने देते हैं और यही वजह है कि कई लोग कहते हैं कि उनकी त्वचा सॉफ्ट और कम ड्राई महसूस होती है।
क्या पारंपरिक विकल्प मददगार हैं?
ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या नेचुरल ऑयल को नुकसान पहुंचाए बिना स्किन पर किसी का इस्तेमाल किया जा सकता है? इसका जवाब पारंपरिक विकल्पों में छिपा हुआ है। पिसी हुई दालों, आटे और हल्दी से बने उबटन नेचुरल एक्सफोलिएटर होते हैं। ये स्किन को नुकसान पहुंचाए बिना पसीने और गंदगी को हटाते हैं।
इसके अलावा जो लोग साबुन को पूरी तरह से छोड़ना नहीं चाहते, वे विकल्प के रूप में ऑर्गेनिक साबुन और पीएच-संतुलित क्लींजर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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