जागरण संवाददाता, सहारनपुर। जम्मू-कश्मीर पुलिस की गिरफ्त में आया डॉ. आदिल अहमद राथर लगातार मुजम्मिल शकील के संपर्क में था। मुजम्मिल शकील की गिरफ्तारी के बाद ही फरीदाबाद से 2923 किलो विस्फोटक समेत हथियार और अन्य सामान पुलिस ने बरामद किए थे। चार अक्टूबर को डॉ. आदिल की शादी में मुजम्मिल उससे मिला था। शादी में ही सहारनपुर के डॉ. बाबर, डॉ. असलम जैदी और डॉ. अताउर्रहमान भी पहुंचे थे, जिन्हें एटीएस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अभी तक की जांच में यह भी साफ हो चुका है कि लॉजिस्टिक और फाइनेंशियल चैनल संभालने वाले आतंकी डॉ. आदिल और साथियों की मंशा ट्रांसपोर्टेशन चैनल विकसित करने की थी। डॉक्टरों के फरीदाबाद मॉड्यूल के उजागर होने के साथ ही एक बात साफ हो गई है कि धार्मिक और भौगोलिक रूप से सहारनपुर आतंकियों के लिए मुफीद है। भौगोलिक सुगमता के दृष्टिगत तीन राज्यों, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड से लगती जिले की सीमा के चलते सहारनपुर आतंकियों के नए लांचिंग पैड के रूप में उभरा है।
आतंकी डॉ. आदिल की यहां से गिरफ्तारी के बाद जुड़े तारों से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होना और दिल्ली में धमाके से साफ जाहिर है कि आतंकी डॉक्टरों ने दिल्ली और निकटवर्ती इलाकों में ही इस साजिश का जाल बुना था। ऐसे में इनकार नहीं किया जा सकता कि आतंकियों ने दिल्ली तक पहुंचने के लिए सहारनपुर को गलियारे के तौर पर इस्तेमाल न किया हो।
सरसावा एयरफोर्स स्टेशन, हथिनीकुंड बैराज, माता शाकंभरी सिद्धपीठ, देवबंद का मां त्रिपुर बालासुंदरी मंदिर व दारुल उलूम सहारनपुर को संवेदनशील बनाते हैं। दुनिया में सबसे बड़े इस्लामिक शिक्षा केंद्र देवबंद के दारुल उलूम में अन्य देशों के साथ देशभर के स्कालर तालीम हासिल करने पहुंचते हैं। पढ़ाई की आड़ में कई बार चोला बदलकर गलत मंसूबे रखने वालों को भी यहां धार्मिक शेल्टर मिला है। यह बात पूर्व में पकड़े गए दहशतपरस्त उजागर कर चुके हैं।
अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर) का डॉ. आदिल सरकारी मेडिकल कॉलेज से 2024 में इस्तीफा देकर सहारनपुर के अलग-अलग अस्पतालों में काम कर रहा था। शादी के लिए 26 सितंबर को डॉ. आदिल एक माह की छुट्टी लेकर चला गया था। जांच में पता चला कि इस मॉड्यूल की महिला सदस्य डॉ. शाहीन सईद का भाई डॉ. परवेज भी कई साल तक सहारनपुर में रहा था। डॉ. परवेज से भी खुफिया एजेंसी पूछताछ कर रही है। |