जागरण संवाददाता, पटना। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), बिहार एवं झारखंड ने श्रमिकों के व्यापक कवरेज के उद्देश्य से ‘कर्मचारी नामांकन अभियान 2025’ (ईईसी-2025) की शुरुआत की है। इस विशेष अभियान की घोषणा अपर केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (बिहार एवं झारखंड) सूरज शर्मा ने की। उन्होंने प्रदेश के सभी नियोक्ताओं से एक नवंबर से शुरू होकर 30 अप्रैल 2026 तक चलने वाली इस सीमित अवधि की योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सूरज शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध उपबंध अधिनियम, 1952 के तहत अधिसूचित इस योजना का उद्देश्य उन पात्र कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज प्रदान करना है, जो अब तक ईपीएफओ से जुड़े नहीं थे।
अभियान की प्रमुख विशेषताएं:
- नियोक्ता अपने प्रतिष्ठान में 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच कार्यरत रहे सभी पात्र कर्मचारियों को नामांकित कर सकते हैं।
- इस अवधि के लिए कर्मचारी अंशदान पूरी तरह माफ होगा, बशर्ते नियोक्ता ने कर्मचारियों से पूर्व में यह अंशदान नहीं लिया हो।
- नियोक्ता को केवल पिछली अवधि का नियोक्ता अंशदान और लागू ब्याज एवं प्रशासनिक शुल्क का भुगतान करना होगा।
क्षतिपूर्ति की दर को भी घटाकर मात्र 100 रुपये एकमुश्त कर दिया गया है, जो तीनों योजनाओं — कर्मचारी भविष्य निधि योजना, कर्मचारी जमा-निक्षेप बीमा योजना और कर्मचारी पेंशन योजना के लिए लागू होगी।
नियोक्ताओं को पात्र कर्मचारियों के लिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी से सत्यापित कराना होगा और सभी घोषणाएं ईपीएफओ पोर्टल पर आनलाइन करनी होंगी।
सूरज शर्मा ने बताया कि जांच कार्यवाही का सामना कर रहे प्रतिष्ठान भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते घोषणा निर्धारित शर्तों के अंतर्गत दी जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि गलत जानकारी देने पर घोषणा अमान्य मानी जाएगी और नियोक्ता दंडात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि ईईसी-2025 के अंतर्गत घोषित किए गए अतिरिक्त कर्मचारियों को प्रधानमंत्री-विकसित भारत रोजगार योजना (पीएमवीबीआरवाई) के लाभ से भी जोड़ा जाएगा।
अपर केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने कहा कि यह अभियान नियोक्ताओं के लिए पिछली चूकों को नियमित करने, कानूनी देनदारियों को कम करने और कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने का सुनहरा अवसर है। |