संस्कृत बोर्ड की परीक्षा में इस बार बढ़ेगी सख्ती, 10 दिसंबर तक तय होंगे केंद्र

cy520520 2025-11-12 02:07:33 views 698
  



राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उप्र माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद ने वर्ष 2026 की पूर्व मध्यमा द्वितीय, उत्तर मध्यमा प्रथम एवं द्वितीय स्तर की परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र निर्धारण की नीति जारी कर दी है। परिषद ने परीक्षा प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी, नकल-मुक्त और सुरक्षित बनाने के लिए कई सख्त मानक तय किए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

हर परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे, वायस रिकार्डर, डीवीआर और हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन अनिवार्य होंगे। इस वर्ष प्रदेशभर में 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षाओं के 55 हजार से अधिक विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होंगे। परीक्षा कार्यक्रम भी इस सप्ताह जारी किया जाएगा।

केंद्र निर्धारण की समय-सारणी भी तय कर दी गई है। जिला समिति 15 नवंबर तक केंद्र तय करेगी, चयनित केंद्रों की सूची 26 नवंबर को समाचार पत्र में प्रकाशित की जाएगी, और आपत्तियों के निस्तारण के बाद 10 दिसंबर तक मंडलवार सूची परिषद को भेजनी होगी।

परीक्षा केंद्रों का चयन जिला विद्यालय निरीक्षक स्वयं या उनके अधीनस्थ राजपत्रित अधिकारी करेंगे। केंद्र तय करने से पहले संबंधित विद्यालयों की तकनीकी सुविधाओं की जांच की जाएगी। साथ ही प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए डबल लाक अलमारी प्रधानाचार्य कक्ष से अलग सुरक्षित स्थान पर रखी जानी होगी।

केंद्र निर्धारण में राजकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालय, राजकीय इंटर कालेज और आवश्यकता पड़ने पर साधन-संपन्न वित्तविहीन विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया जा सकेगा।

जिन विद्यालयों को पहले से माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज की परीक्षा के लिए केंद्र बनाया गया है, उन्हें संस्कृत परिषद की परीक्षा का केंद्र नहीं बनाया जाएगा। हर केंद्र पर परीक्षार्थियों की संख्या कम से कम 100 और अधिकतम 500 तय की गई है। दिव्यांग और बालिका परीक्षार्थियों को स्वकेंद्र या नजदीक में परीक्षा केंद्र की सुविधा दी जाएगी।

यदि किसी जिले में संस्कृत विद्यालयों में छात्रों की कुल संख्या 100 से कम है, तो निकटता के आधार पर एक ही केंद्र निर्धारित किया जाएगा। एक ही प्रबंधक के अधीन चल रहे विद्यालयों के छात्र दूसरे विद्यालय में परीक्षा नहीं देंगे।

इसके लिए संबंधित प्रबंधक से प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य होगा। यदि कोई विद्यार्थी निर्धारित केंद्र के अलावा अन्यत्र परीक्षा देता पाया गया, तो उस विद्यालय को तीन वर्ष तक परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
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