आरपीएफ को 23 साल बाद मिला मादक पदार्थों का पता लगाने वाला डॉग। जागरण
जागरण संवाददाता, आगरा । रेल मंडल आगरा के गठन के 23 साल के बाद रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को पहली बार मादक पदार्थों का पता लगाने वाला डाग मिल गया है। यह लैब्राडोर नस्ल का पिल्ला है।
इसके अलावा एक लैब्राडोर नस्ल का स्निफर डाग और बेल्जियन मालिनोइस नस्ल का ट्रैकर श्रेणी का है। मादक पदार्थों का पता लगाने वाला कुत्ता और ट्रैकर डाग आगरा में रहेंगे। स्निफर डाग की तैनाती मथुरा में होगी। तीनों पिल्लों को के-9 प्रशिक्षण केंद्र पुणे में प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके बाद इनकी तैनाती की जाएगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आरपीएफ डाग स्क्वाड के पास दो लैब्राडोर नस्ल के कुत्ते हैं। इसमें एक का नाम विक्टर और दूसरे का ब्रावो है। यह क्रमश: विस्फोटक खोजी और ट्रैकर श्रेणी के हैं। मथुरा में विस्फोटक खोजी कुत्ता है। लंबे समय के बाद आरपीएफ स्क्वाड में एक साथ तीन पिल्ले आए हैं।Maruti Ignis, Maruti Suzuki, Maruti Ignis down payment, Maruti Ignis EMI, car finance plan, automobile special,
क्या है कुत्तों की नस्ल
इसमें दो लैब्राडोर और एक बेल्जियन मालिनोइस नस्ल का है। एक लैब्राडोर नस्ल का कुत्ता मादक पदार्थों का पता लगा सकता है। प्रशिक्षण के बाद इसकी और बेल्जियन मालिनोइस (विस्फोटक खोजी) नस्ल की तैनाती आगरा में होगी।
बाकी एक लैब्राडोर की तैनाती मथुरा में होगी। जनसंपर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया, तीनों पिल्लों को के-9 प्रशिक्षण केंद्र पुणे में प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे मादक पदार्थों की तस्करी का आसानी से पता चल सकेगा।
आरपीएफ को तीन पिल्ले मिले हैं। इसमें दो लैब्राडोर और एक बेल्जियन मालिनोइस नस्ल का है। तीनों पिल्लों को के-9 प्रशिक्षण केंद्र पुणे में प्रशिक्षित किया जाएगा। दो की तैनाती आगरा और एक की मथुरा स्टेशन में होगी। - राजमोहन पी., वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त
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