अपनी पत्नी झरिया की विधायक रागिनी सिंह के साथ संजीव सिंह।
जागरण संवाददाता, धनबाद। बहुचर्चित नीरज सिंह हत्याकांड में आठ साल जेल में रहने के बाद अदालत से बरी हुए झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह ने रविवार को पहली बार मीडिया के सामने आकर अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने नीरज सिंह हत्याकांड में अपनी भूमिका, राजनीतिक भविष्य और संगठनात्मक मुद्दों पर खुलकर बातें कीं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बरी होने के बाद पहली बार चुप्पी तोड़ी
27 अगस्त 2025 को धनबाद की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने साक्ष्य के अभाव में संजीव सिंह को बरी कर दिया था। करीब ढाई महीने बाद वे अपनी पत्नी और झरिया की भाजपा विधायक रागिनी सिंह के साथ शहर के आठ लेन स्थित बुद्धा पैलेस में संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से सामने आए।
आरोप मेरे दिल में आज भी पीड़ा देता
संजीव सिंह ने कहा कि नीरज सिंह उनके चचेरे भाई थे और दोनों एक ही परिवार में पले-बढ़े। उन्होंने कहा-परिवार में 13 भाई-बहन थे, सब साथ खेलकर बड़े हुए। मेरे ऊपर नीरज की हत्या का आरोप लगा, यह मैं आज तक नहीं समझ पाया हूं। यह आरोप मेरे दिल में आज भी पीड़ा देता है।
हाई कोर्ट में चुनाैती न्यायिक प्रक्रिया
उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में उन्होंने झारखंड सरकार से इस हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया। हाई कोर्ट में इस मामले को अभिषेक सिंह द्वारा चुनौती देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है और वे इसका सम्मान करते हैं।
जल्दबाजी में नहीं होगा निर्णय
राजनीतिक भविष्य को लेकर संजीव सिंह ने कहा कि अभी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में वक्त है, इसलिए किसी निर्णय में जल्दबाज़ी नहीं की जाएगी। उन्होंने संकेत दिया कि वे मजदूर राजनीति में सक्रिय रहेंगे जबकि उनकी पत्नी रागिनी सिंह झरिया की जनता के लिए काम करेंगी।
समय आने पर बता देंगे दिल में क्या है
धनबाद नगर निगम चुनाव में संभावित भूमिका पर उन्होंने कहा कि समय आने पर सब कुछ स्पष्ट कर दिया जाएगा। जनता मजदूर संघ के कई गुटों में बंटने के सवाल पर उन्होंने कहा-सभी मेरे हैं, मजदूर हित में हम सबको मिलकर काम करना चाहिए।
रागिनी के बोल-मेरी शक्ति डबल हो गई
वहीं, विधायक रागिनी सिंह ने कहा-अब मेरी शक्ति डबल हो गई है। मैं झरिया की जनता की सेवा करूंगी और संजीव सिंह धनबाद की। संजीव सिंह की यह सक्रियता आठ साल बाद धनबाद की राजनती में राजनीतिक वापसी का संकेत देती है।
भाजपा नेता संजीव सिंह की यह सक्रियता आने वाले समय में धनबाद भाजपा की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावनाओं को भी बल देती है। |