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जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Bihar News: मैट्रिक व इंटर परीक्षा को लेकर केंद्रों की तलाश शुरू है। परीक्षार्थियों की संख्या अधिक होने की वजह से शिक्षा विभाग के अधिकारियों को काफी परेशानियां हो रही है।
अबकी बार बिहार बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा एक साथ फरवरी में महीने शुरू होने की संभावना है। इस वजह से सीबीएसई के कई स्कूल को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जा सकता है।
उधर, शिक्षा विभाग ने मैट्रिक व इंटर के संभावित परीक्षा केंद्रों के प्रधानाध्यापकों से परीक्षार्थियों के बैठाने की क्षमता का रिपोर्ट मांगा गया है। मैट्रिक में 85 से अधिक तो इंटर में 75 से अधिक परीक्षा केंद्र बनाये जाने की संभावना है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिले के मध्य विद्यालय, हाई स्कूल, उच्च माध्यमिक स्कूल, कालेज व सीबीएसई स्कूल को परीक्षा केंद्र बनाया जाता है।
एक लाख से अधिक परीक्षार्थी
इंटर व मैट्रिक परीक्षा में एक लाख तीस हजार से अधिक परीक्षार्थियों के शामिल होने की संभावना है। शिक्षा विभाग को परीक्षा के आयोजन कराने में पसीने छूट रहे है। क्योंकि परीक्षा समिति के गाइड लाइन के अनुसार परीक्षाएं होनी है।
मैट्रिक में 75 हजार से अधिक परीक्षार्थियों के शामिल होने की संभावना है। जबकि इंटरमीडिएट में 60 हजार से अधिक परीक्षार्थी होंगे। मैट्रिक में 85 से अधिक परीक्षा केंद्र बनाये जाने की संभावना है। मैट्रिक व इंटर के परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था करना शिक्षा विभाग के लिए चुनौती बना है। क्योंकि प्रतिवर्ष छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ रही है।
शिक्षा विभाग शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों को शामिल करेगा। दूसरी ओर 2026 में आयोजित की जाने वाली वार्षिक इन्टरमीडिएट और माध्यमिक परीक्षा के लिए सीबीएसई स्कूलाें को केंद्र नहीं बनाये जाने काे कहा गया है।
सीबीएसई व बिहार बोर्ड की परीक्षाएं साथ-साथ होने की वजह परीक्षा केंद्र वाले सीबीएसई स्कूल को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जायेगा। |