इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
जागरण संवाददाता, दरभंगा । नगर निगम क्षेत्र में सड़कों के गलत निर्माण पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। चैंबर ऑफ़ कामर्स की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह कार्रवाई हुई है। इस संबंध में हाई कोर्ट ने एक नवंबर को आदेश जारी किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दरभंगा चैंबर ऑफ़ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पवन कुमार सुरेका, प्रधान सचिव सुशील कुमार जैन, उपाध्यक्ष कृष्णदेव साह, कोषाध्यक्ष मुकेश खेतान, सचिव अभिषेक चौधरी एवं इस कार्य विशेष हेतु प्रतिनियुक्त मुकुंद बैरोलिया ने संयुक्त रूप से बताया कि लंबे समय से दरभंगा शहर में सड़कों और नालियों का निर्माण हो रहा है। कहने को तो शहर का कायाकल्प हो रहा है।
मजबूत चौड़ी सड़कें और नालियां बन रही हैं, लेकिन वस्तुस्थिति इससे भिन्न है। दुनिया का यह एक ऐसा अजूबा शहर है, जहां सड़कें लोगों के मकान के लेबल से ऊंची और नालियां सड़कों के लेबल से ऊंची बनाई जा रही हैं।
बारिश होने पर पानी पहले आपके मकान और दुकान में घुसेगा। उसका स्तर ऊंचा होने पर वह सड़क पर बहेगा और सड़क के डूब जाने पर नालियों में जाएगा। इस समस्या पर यहां की जनता ने काफी विरोध जताया और सरकार से गुहार लगाई।
चैंबर ने स्थानीय प्रशासन को अपनी चिंता और समस्या से अवगत करवाया। लेकिन कोई निदान नहीं निकला। विवश होकर चैंबर ने उच्च न्यायालय की शरण ली। न्यायालय के समक्ष उनके 19 अप्रैल 2010 और 16 मई 2013 के आदेश का हवाला दिया।
न्यायालय ने इस पर संज्ञान लेते हुए सड़क और नालों के निर्माण पर तत्काल रोक लगा दी है। पूर्व में न्यायालय का यह स्पष्ट आदेश था कि सड़क निर्माण के समय जितनी मोटी ढलाई की जानी है उतनी मोटी परत पहले सड़क की छिली जाए।
चैंबर ने न्यायालय के पूर्व के इसी आदेश को आधार बनाया था। अब न्यायालय ने प्रशासन से उनका जवाब मांगा है कि वे बताएं कि क्या निर्माण कार्य में न्यायालय के पूर्व के आदेश का अनुपालन किया गया है। |