नैनीताल के साथ ही आसपास के खूबसूरत इलाकों ने पर्यटन क्षेत्र में आया बूम, होटल-होम स्टे की संख्या पहुंची दो हजार पार

Chikheang 2025-11-7 15:06:44 views 511
  

2001 में 3. 62 लाख तो 2024 में 10.24 लाख पहुंचे पर्यटक



किशोर जोशी, नैनीताल। राज्य गठन के बाद 25 साल बाद पर्यटन ऐसा क्षेत्र है, जहां सर्वाधिक बढ़ोत्तरी हुई है। आलम यह है कि अब नैनीताल में ग्रीष्मकालीन के अलावा पूरे साल के प्रमुख दिवसों के साथ ही हर वीकेंड पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

ग्रामीण इलाकों में होम स्टे को प्रोत्साहन देने के बाद तो जिले के आसपास के प्राकृतिक रूप से खूबसूरत इलाके पर्यटकों की पहली पसंद बन गए हैं। जिससे होटल-रेस्टोरेंट कारोबार भी चल पड़ा है। होम स्टे खुलने से ग्रामीण पर्यटन को पंख लगने के साथ ही पहाड़ के व्यंजनों, स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग होने के साथ बिक्री भी बढ़ी है।

पर्यटन के लिए नैनीताल हमेशा से ही पर्यटकों की पसंद रहा है, अब आसपास के डेस्टीनेशन भी पर्यटकों को खूब आकर्षित कर रहे हैं। राज्य बनने के बाद सरकारी व निजी स्तर से प्रोत्साहन के बाद पर्यटन क्षेत्र में बूम आ गया। देश की प्रमुख हस्तियों के कैंची धाम आने के बाद तो पर्यटकों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। अब पर्यटक वाहनों के बढ़ते दबाव के बीच पार्किंग की समस्या बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है। सड़कों की खराब दशा भी पर्यटकों में गलत संदेश दे रही है।

पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 2001 में नैनीताल में तीन लाख 62 हजार से अधिक देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचे थे, जो 2024 में संख्या बढ़कर दस लाख 24 हजार से अधिक पहुंच गई। इस साल अगस्त तक ही नौ लाख 61 हजार से अधिक पर्यटक नैनीताल सहित आसपास के पर्यटक स्थलों की सैर कर चुके हैं। इस साल जून में ही पर्यटन विभाग के एकत्रित आंकड़ों के अनुसार दो लाख 93 हजार से अधिक पर्यटक पहुंचे।

होम स्टे योजना से पर्यटन को मिली ऊंची उड़ान
राज्य में धामी सरकार की ओर से होम स्टे योजना को प्रोत्साहन देने से खासकर ग्रामीण पर्यटन को पंख लग गए हैं। पर्यटन विभाग की आधिकारिक सूचना के अनुसार ग्रामीण इलाकों में छह सौ से अधिक जबकि शहरी इलाकों में चार सौ से अधिक होम स्टे संचालित हैं।

होम स्टे को बढ़ावा मिला तो रामगढ़, मुक्तेश्वर, धानाचूली, भवाली क्षेत्र, खुटानी, मंगोली, किलबरी, पंगोट, ज्योलीकोट, बल्दियाखान, भूमियांधार, घुग्घुखान, भीमताल आदि क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी के अनुसार होम स्टे में प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से करीब पांच हजार लोगों को रोजगार मिला है। ग्रामीण आर्थिकी को भी संबल मिला है। पहाड़ के खानपान सहित हस्तशिल्प, हस्तकला की भी ब्रांडिंग हुई है।  

पार्किंग समस्या ने बढ़ाई चुनौती
नैनीताल: जिले में साल दर साल पर्यटन उद्योग में बूम आ रहा है लेकिन पार्किंग के साथ ही ट्रेनों की संख्या नहीं बढ़ना इसमें बाधक भी बना है। नैनीताल के साथ ही भवाली, कैंची धाम, भीमताल में पार्किंग समस्या बनी है, नैनीताल में मेट्रोपोल शत्रु संपत्ति तथा हरिनगर में आटोमेटेड पार्किंग बनने के बाद समस्या का समाधान हो सकता है, अन्यथा रूसी बाइपास व नारायण नगर में पर्यटक वाहनों को रोकने से गुणवत्ता पर्यटन की अवधारणा धूमिल हो रही है।



बेशक राज्य बनने के बाद अब तक पर्यटन के क्षेत्र में तरक्की भी हुई और सर्वाधिक रोजगार के अवसर भी पैदा हुए। सरकार के साथ ही निजी प्रयास से यह संभव हुआ है लेकिन पार्किंग समस्या के साथ ही ट्रेनों का नहीं बढ़ना, पंतनगर हवाई अड्डे का विस्तारीकरण पूरा नहीं होने से कारोबार में ऐसी तेजी नहीं आ रही, जितनी आ सकती थी। सरकार को कनेक्टविटी में सुधार, पार्किंग समस्या के समाधान पर फोकस करना चाहिए।


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-रुचिर साह, पर्यटन कारोबारी, नैनीताल।
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