Madhepura, Bihar Voting Percentage 2025: मधेपुरा में में कुल 69.03 प्रतिशत मतदान हुआ। सर्वाधिक आलमनगर में 69.82 % वोट डाले गए।
संवाद सहयोगी, मधेपुरा। Madhepura Voter Turnout 2025, Madhepura Voting Percentage 2025 विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मधेपुरा जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों में मतदान शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गया। मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र इस बार युवाओं और महिला मतदाताओं के द्वारा अधिक संख्या में मतदान को लेकर चर्चा में रहा। यहां सुबह से ही मतदान केंद्रों पर महिला एवं युवा मतदाताओं की लंबी कतार देखने को मिली। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मधेपुरा विधानसभा के अलावे जिले के अन्य तीन विधानसभा क्षेत्र आलमनगर, बिहारीगंज और सिंहेश्वर (सुरक्षित) में भी मतदान शांतिपूर्ण रहा। सभी जगहों पर सुरक्षा बलों की तैनाती और मतदान कर्मियों की तत्परता के कारण चुनाव बिना किसी बाधा के संपन्न हो सका। गुरुवार रात नौ बजे जिला निर्वाचन पदाधिकारी तरनजोत सिंह ने प्रेस वार्ता कर बताया कि जिले में कुल 69.03 प्रतिशत मतदान हुआ। जिसमें सर्वाधिक आलमनगर में आलमनगर में 69.82 % वोटिंग हुआ। वहीं सिंहेश्वर में 69.46 %, मधेपुरा में 69.30 % और बिहारीगंज का टर्न आउट 67.46 % रहा।
स्ट्रांग रूम में देर रात तक जमा कराया गया ईवीएम
मतदान खत्म होने के बाद जिला प्रशासन ने सभी ईवीएम को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बीएनएमयू के नार्थ कैंपस स्थित स्ट्रांग रूम में जमा कराया गया। मतदान केंद्रों से लेकर स्ट्रांग रूम तक पुलिस और अर्धसैनिक बलों का पहरा जारी है।
अलसुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लगी रही लंबी कतारें
अमित कुमार अंशु : पौ फटते ही वोटर मतदान केंद्रों पर पहुंचने लगे हैं। जिले भर में उत्साह के साथ मतदान शुरू है। जिला मुख्यालय से लेकर सुदूर ग्रामीण इलाकोें तक शांतिपूर्ण माहौल में मतदान प्रारंभ हो चुका है। बूथों पर बुजुर्ग और महिला मतदाताओं की कतारें लगनी शुरू हो चुकी है। युवाओं में भी उत्साह का माहौल है। मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आदर्श मतदान केंद्र मध्य विद्यालय जगजीवन आश्रम के पहले मतदाता मो. आतिफ ने बताया कि रोजगार, शिक्षा और जर्जर सड़कों को ध्यान में रखकर हमने मतदान किया है।
इसी तरह जिला मुख्यालय स्थित कन्या मध्य विद्यालय मतदान केंद्र पर मतदान कर बाहर निकल रहीं मतदाताओं ने सुरक्षा की गारंटी को ध्यान में रखकर मतदान करने की बात कही। मतदान केंद्रों पर बड़ी तादाद में महिला एवं पुरुष मतदाताओं की भीड़ जुटी है। मतदान कर बाहर निकलीं शांति देवी के लिए आजीविका का साधन ही प्राथमिकता है और सुरक्षा की गारंटी के नाम पर इन्होंने मतदान किया है। युवा मतदाताओं का एक तरफ जोश हाई रहा। दूसरी तरफ महिलाओं की साइलेंट वोटिंग की भी चर्चा खूब रही। शुरुआती दौर में फिलहाल कहीं से भी गड़बड़ी की सूचना नहीं है। अर्धसैनिक बलों के साथ तमाम प्रशासनिक अधिकारी गश्ती कर रहे हैं।
मधेपुरा में लोकतंत्र के उत्सव में झूमे मतदाता, जमकर बरसे वोट
अमितेष : मधेपुरा में लोकतंत्र का पर्व पूरी उत्साह के साथ मना। आम दिनों की तरह गुरुवार को भी गुलाबी ठंड के बीच अलसाई सुबह आंखे खोली लेकिन मतदान का ऐसा उत्साह का सूरज की लालिमा निकलते ही कदम मतदान केंद्र की ओर बढ़ चले। सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों पर वोटिंग शुरू हो गई। इक्का दुक्का बूथों पर ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें आई लेकिन तत्काल रिजर्व में रखे गए ईवीएम को रिप्लेस कर महज 10 मिनट के अंदर मतदान शुरू कराया गया।
मतदान के ट्रेंड पर गौर करें तो दोनों गठबंधनों के कोर वोटर इंटैक्ट रहे। हालांकि कई जगहों पर सेंधमारी व भीतरघात की भी बात सामने आई जिसने दोनों खेमे के प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ा दी है। जिले भर में मतदान को लेकर उत्साह चरम पर रहा। युवाओं, महिलाओं व बुजुर्गों में एक जैसा माहौल दिखा। वोट डालने के बाद बुजुर्गों ने सरकार के कामकाज का आकलन व सुविधाओं की बात की। महिलाएं आजीविका व सुरक्षा की गारंटी तो युवाओं ने रोजगार व आपरेशन सिंदूर की चर्चा करते हुए वोट डालने की बातें कही।
महिलाओं, युवाओं व बुजुर्गों ने दिखाया मद, पहले मतदान फिर जलपान
दिव्यांगजन व बीमार भी वोट डालने से पीछे नहीं हटे। बुजुर्ग अपने नाती-पोते तो दिव्यांगजन व बीमार पड़े लोग स्वजन के कंधे का सहारा लेकर मतदान केंद्रों तक पहुंचते दिखे। मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र में गत चुनाव की तरह ही गोलबंदी दिखी। जातीय गोलबंदी के बीच अंत में राजद-जदयू के बीच मुकाबला सीधा और कांटे का दिखा। राजद की इस सीट पर राजद के चंद्रशेखर और जदयू की कविता कुमारी साहा के बीच आमने-सामने की टक्कर है। यहां पूर्व से त्रिकोणीय संघर्ष का अनुमान लगाया जा रहा था लेकिन अंत में आकर सीधा मुकाबले की स्थिति बनी।
वोट डालने के बाद मतदाताओं के रुख से स्पष्ट हुआ कि जन सुराज, जनशक्ति जनता दल, आम आदमी पार्टी व निर्दलीय उम्मीदवारों को कुछ खास पाकेट छोड़कर कोई खास तवज्जो नहीं मिली। साहूगढ़ मतदान केंद्र पर मिले मो. तारीक ने बताया कि यहां न तो वोट बंट रहा है और न ही कोई सेंधमारी हो पाई है। इसी तरह भेलवा में मिले संजय कुमार ने कहा कि पचपनिया का वोट तीर के खाते में गया है। हालांकि गम्हरिया और घैलाढ़ प्रखंड में स्थानीय प्रत्याशियों के प्रभाव वाले मतदान केंद्रों पर सेंधमारी जरूर दिखी लेकिन कोर वोटर इंटैक्ट दिखे।
दोनों गठबंधन के कोर वोटर रहे इंटैक्ट, सेंधमारी व भीतरघात ने बढ़ाई धड़कनें
सिंहेश्वर(सुरक्षित) विधानसभा सीट पर भी सीधा मुकाबला दिखा। यहां भी राजद व राजग का बेस वोट में कोई खास बिखराव नजर नहीं आया। कुछेक जगहों पर सेंधमारी और भीतरघात की भी चर्चा होती रही। इस सीट पर राजद के चंद्रहास चौपाल और जदयू के रमेश ऋषिदेव के बीच सीधा मुकाबला है। आखिरी क्षण तक मुकाबला कांटे का दिखा। वोटिंग के बाद भी मतदाताओं की चुप्पी बरकरार दिखी। इस सीट पर सिंहेश्वर, शंकरपुर और कमारखंड प्रखंड का वोटिंग ट्रेंड अलग-अलग जरूर था लेकिन बेस वोट एकजुट रहा।
बिहारीगंज विधानसभा सीट पर भी दोनों गठबंधनों का बेस वोट कमोवेश इंटैक्ट रहा। जदयू की इस इस सीट पर भीतरघात और सेंधमारी की गुंजाइश अधिक दिखी। जदयू के निरंजन मेहता और राजद की रेणु कुमारी के बीच सीधा और कड़ा मुकाबला है। यहां भीतरघात व सेंधमारी ने दोनों खेमों की चिंता बढ़ा दी है। यहां भी बुजुर्गों व महिलाओं ने सरकार के कामकाज के आधार पर वोट देने की बात की तो युवाओं ने रोजगार व राष्ट्रभक्ति की बात की। दिव्यांगजन व प्रवासी मतदाताओं का झुकाव भी स्पष्ट था।
मुरलीगंज के सुशांत कुमार, बिहारीगंज के अनमोल कुमार व उदाकिशुनगंज की डिम्पी कुमारी आदि युवा मतदाताओं की राय भले ही अलग-अलग थी लेकिन वोटिंग का ट्रेंड एक जैसा दिखा। आलमनगर में भी मुकाबला अंत-अंत तक आमने-सामने की रही। जदयू की इस सीट पर वोटिंग का ट्रेंड थोड़ा अलग जरूर था लेकिन कोर वोटरों पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ा। जदयू के नरेंद्र नारायण यादव और वीआइपी के नवीन कुमार के बीच कांटे का मुकाबला वाला यह सीट सहनी बहुल है। यहां कोर वोटरों की एकजुटता के बीच सेंधमारी की भी खूब चर्चा रही। आलमनगर समेत जिले की सभी चार सीटों पर मुकाबला सीधी व कांटे की है। |