सुरेश रैना और शिखर की संपत्ति ईडी ने की कुर्क।
नई दिल्ली, प्रेट्र। ईडी ने अवैध सट्टेबाजी एप से जुड़ी मनी लॉड्रिंग जांच के तहत पूर्व क्रिकेटरों सुरेश रैना और शिखर धवन की 11.14 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। एजेंसी ने कहा कि \“\“वन एक्स बेट\“\“ नामक ऑनलाइन सट्टेबाजी साइट के खिलाफ मामले में मनी लॉड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत धवन की दिल्ली में 4.5 करोड़ रुपये की व्यावसायिक भूमि और रैना के 6.64 करोड़ रुपये के म्यूचुअल फंड को कुर्क करने के लिए अंतरिम आदेश जारी किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ईडी ने मामले की जांच के तहत युवराज सिंह और रॉबिन उथप्पा जैसे पूर्व क्रिकेटरों, अभिनेता सोनू सूद, उर्वशी रौतेला, मिमी चक्रवर्ती (तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद) और अंकुश हाजरा (बंगाली अभिनेता) से भी पूछताछ की है। कुराकाओ में पंजीकृत \“\“वन एक्स बेट\“\“ को सट्टेबाजी में 18 वर्षों के अनुभव के साथ विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त सट्टेबाज बताया गया है।
60 से ज्यादा खाते हुए फ्रीज
ईडी की जांच से पता चला कि वन एक्स बेट और उसके सहयोगी ब्रांड पूरे भारत में अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए को बढ़ावा देने और उसे सुविधाजनक बनाने में शामिल थे। वन एक्स बेट के संचालकों के खिलाफ विभिन्न राज्यों की पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉड्रिंग की जांच के बाद इन संपत्तियों को जब्त किया गया। इन प्लेटफॉर्मों से जुड़े 60 से ज्यादा बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं, जिनमें चार करोड़ रुपये पहले ही ब्लॉक किए जा चुके हैं।
केंद्र सरकार ने कुछ महीने पहले भारत में पैसे वाले ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून बनाया था। बाजार विश्लेषण फर्मों का अनुमान था कि सरकारी प्रतिबंध से पहले विभिन्न आनलाइन सट्टेबाजी एप पर लगभग 22 करोड़ भारतीय उपयोगकर्ता थे। इनमें से लगभग 50 प्रतिशत नियमित यूजर थे।
दोनों पूर्व क्रिकेटर क्यों आए जांच के घेरे में
एजेंसी की जांच में पाया गया है कि दोनों पूर्व क्रिकेटरों ने जानबूझकर \“\“वन एक्स बेट\“\“ और उसकी सहयोगी कंपनियों के प्रचार के लिए विदेशी संस्थाओं के साथ विज्ञापन समझौते किए। इन विज्ञापनों के लिए भुगतान कथित तौर पर विदेशी बिचौलियों के माध्यम से किया गया था, ताकि अवैध सट्टेबाजी से प्राप्त धन के अवैध स्त्रोत को छिपाया जा सके। धन के अवैध स्त्रोत को छिपाने के लिए विज्ञापनों के लिए भुगतान कई स्तरों पर किया गया था।
भारत में बिना अनुमति के काम करती थी कंपनी
ईडी ने कहा कि वन एक्स बेट भारत में बिना अनुमति के काम करती थी और भारतीय उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए इंटरनेट मीडिया, आनलाइन वीडियो और प्रिंच विज्ञापनों का उपयोग करती थी। भारतीय सट्टेबाजों से एकत्रित धन छह हजार से अधिक म्यूल अकाउंट के माध्यम से भेजा गया था। इन खातों का उपयोग धन के स्त्रोत को छिपाने के लिए किया गया था। म्यूल अकाउंट ऐसे बैंक खाते होते हैं, जिनका इस्तेमाल साइबर अपराधी ठगी के पैसों को ट्रांसफर करने के लिए करते हैं। ईडी का अनुमान है कि इन माध्यमों से की गई मनी लॉड्रिंग की कुल राशि एक हजार करोड़ रुपये से अधिक है।
ईडी ने लोगों के लिए जारी किया सार्वजनिक परामर्श
ईडी ने एक सार्वजनिक परामर्श जारी किया है, जिसमें नागरिकों से सावधानी बरतने और ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए में भाग लेने या उन्हें बढ़ावा देने से बचने का आग्रह किया गया है। इसमें चेतावनी दी गई है कि जो कोई भी जानबूझकर अपने बैंक खातों या भुगतान वालेट का उपयोग ऐसे लेनदेन के लिए करेगा या इसकी अनुमति देगा, उस पर पीएमएलए के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है। इसमें सात साल तक की कैद और अवैध लेनदेन से अर्जित संपत्ति की कुर्की का प्रविधान है।
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