deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

क्या कुशवाहा कार्ड से महागठबंधन बाबूबरही में एनडीए के वोट बैंक में लगा पाएगा सेंध? इससे तय होगा परिणाम

cy520520 2025-11-7 01:13:12 views 443

  

इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।  



मदन लाल कर्ण, बाबूबरही (मधुबनी)। दूसरे चरण में बाबूबरही विधानसभा चुनाव के महज एक पांच दिन बचे हैं। चुनाव आयोग के निर्देश को लेकर पूर्व की तरह अब गली-गली मोहल्ले मोहल्ले धुआंधार प्रचार पर विराम लग गया है। फिर मैदान में उतरे प्रत्याशी कार्यकर्ताओं के बदौलत ताबड़तोड़ कन्विंसिंग में लगे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

स्थिति को भांपने बाइक से जागरण की टीम निकली। मवेशी के लिए चारा काटकर टिकुलिया मुखिया जी पोखर के निकट 5-6 महिलाएं एक साथ बैठकर गपशप कर रही थी। इन्हें लगा किसी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार कर रहा हूं।

यह उल्टा सीधा सुनाने लगी। फिर कहती हैं जो सरकार चावल गेहूं देता, पेंशन बढ़ाया उसी को वोट करूंगी। आगे बरहा गांव में एक दरवाजे पर चार-पांच महिलाएं एक साथ बैठी मिली।

रानी देवी कहती है कि डेढ़ साल पहले इनके पति का निधन हो गया। किन्तु अब तक विधवा पेंशन नहीं मिला। एक महिला कहती है गांव का कोई विकास नहीं हो सका।

शीला देवी एवं सुनीता देवी ने कहीं की जो विकास किया है उसी को वोट करूंगी। विक्रमशेर में ट्राई साइकिल से आ रहे धमौरा निवासी दिव्यांग संजय कुमार झा मिले। कहा सरकार द्वारा देथ पेंशन इन्हें काफी राहत दे रहा है। धमौरा चौक पर पहुंचने पर युवा प्रशांत कुमार झा मिले।

कहा कि बेरोजगारी बढी है। रोजगार को लोग पलायन कर रहे हैं। शिक्षा के स्तर में गिरावट आई है। इस मुद्दे पर जनसुराज की लड़ाई बेहतर है। उग्रनाथ काका इनके हां में हां मिलाते कहा स्कूल तथा जन वितरण में लूट मची है।

सरकारी कार्यों में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। अब सड़क की कीचड़ को पार करते गाड़ी कोसी शाखा नहर पर बढी। रहिकपुर गांव के राम उदगार यादव मिलते हैं। जो कोलकाता में ड्राइवर है।

कहते हैं वोट का आधार अब जात पात नहीं होता है। विकास वोट का आधार बन गया है। वर्तमान सरकार में काफी विकास हुई है। किंतु रोजगार को लेकर यहां उद्योग लगाने की जरूरत है। ताकि दूसरे प्रदेश में इन्हें बिहारी का अपमान नहीं सहना पड़े।

वहीं मिश्रौलिया गांव के मो सद्दाम एवं मो उस्मान ने कहा कि जिसका पलड़ा भारी देखेंगे उसी को वोट करेंगे। बरहरा गांव के मो सलाउद्दीन, नसीम अहमद, मो इरफान मो आशिफ सड़क पर जल जमाव का नजारा दिखाया।

कहा एपीएचसी बरहारा का नजारा देख आइए। पहुंचने का रास्ता भी नहीं है। भवन जर्जर, चिकित्सा कर्मी कभी आते ही नहीं। वर्तमान विधायक का ये लोग आज तक चेहरा तक नहीं देख सका।

पदमा गांव निवासी युगल किशोर झा ने कहा कि इन्हें नीतीश सरकार से नहीं बल्कि विधायक से नाराजगी है। जो जनता की अपेक्षा पर खडा़ नहीं उतरी।प्रसिद्ध पुरातात्विक स्थल बलिराजगढ़ के मुख्य द्वार के निकट चबूतरा पर ताश की चौखरी जमी थी। 14 -15 लोग यहां पर थे।

रामचंद्र मंडल विधायक पर बिफर पड़े। कहा विकास की बात तो दूर जाए 5 वर्ष में इनका दर्शन तक भी नहीं हुआ। केंद्र व बिहार सरकार की विकास के बीना पर ये लोग वोट करेंगे।

गणेश सदाय ने कहा कि इन लोगों को आज तक अपना घरारी भी नसीब नहीं हो सका। इनके देवता भी खुले आसमान में रहते हैं। किंतु मांझी इनके नेता है। कुल मिलाकर परिदृश्य चबूतरा पर खेले जा रहे तास के पत्तों की तरह अदलती बदलती दिखी।


बता दें कि इस विधानसभा सीट पर पांच बार राजद का, दो बार जनता दल, दो बार कांग्रेस तथा तीन बार जदयू का कब्जा रहा है। वर्ष 2010 में बाबूबरही तथा लदनिया प्रखंड इस विधानसभा के अंतर्गत आते थे।

तब यादव एवं मुस्लिम की बहुलता रही थी। किंतु वर्ष 2010 में खजौली प्रखंड की सात पंचायत को इस विधानसभा में शामिल किए जाने के बाद यादव वोटर के बाद महतो वोटर, फिर मुस्लिम वोटर का स्थान हो गया।

इन तीनों मतदाताओं की संख्या तकरीबन 42 प्रतिशत है। जबकि अति पिछड़ा लगभग 34 प्रतिशत के अतिरिक्त अन्य में दलित, महा दलित, पासवान सवर्ण आदि का नाम आता है।

राजद ने इस बार कुशवाहा समाज के अरुण कुमार सिंह को टिकट देकर सीट अपने कब्जे में करने को लेकर तुरुप का पत्ता फेंक डाला है। अब तक कुशवाहा समुदाय के वोट को एनडीए अपना बेस वोट मानती रही है।

किंतु इस बार बाबूबरही में यह मिथक टूट रहा है। इन दल के नेताओं की माने तो कुशवाहा के अतिरिक्त,यादव, मुस्लिम, अमात, धानुक आदि समुदाय का वोट भी एनडीए से टूटकर इनके पक्ष में आने की संभावना है।

इधर, एनडीए प्रत्याशी मीना कामत को अपने द्वारा किए कार्य, केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा किये विकास कार्य तथा सरकार के महिला सशक्तीकरण पर फक्र है।

पार्टी के इस बेस वोट के अतिरिक्त, पिछडी, अतिपिछडी़, पासवान, सवर्ण, दलित, महादलित महिलाएं, पेंशनधारी तथा अन्य वोट पर भी इस दल के नेता अपना अधिकार जमा रहे हैं।

इधर दोनों राष्ट्रीय दल के बीच मुकाबला को त्रिकोणीय तथा चतुष्कोणीय बनाने को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव के पुत्र आलोक कुमार यादव तथा जनशक्ति पार्टी के नेता समाजसेवी मनोज झा की मां शांति देवी जबर्दस्त प्रयास में लगी है।



  • कुल मतदाता : 30,6124
  • पुरुष: 16,6405
  • महिला: 14,2697
  • र्ड जेंडर: 22

2015

  • कपील देव कामत - जदयू - जीते - 61,486
  • विनोद कुमार सिंह - एजेपी - हारे - 41,219
  • अंतर - 20,267

2020

  • मीना कुमारी - जदयू - जीती - 77,367
  • उमाकांत यादव - राजद - हारे - 65,879
  • अंतर -11,488
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

cy520520

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

710K

Credits

Forum Veteran

Credits
71770