गरीबों को निशुल्क शिक्षा पर बढ़ी रार, पोर्टल बंद करने के विरोध में उतरे निजी स्कूल संचालक (फोटो: जागरण)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा पर रार बढ़ती जा रही है। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत दाखिलों के लिए सीटें रिक्त नहीं दिखाने वाले 2808 निजी स्कूलों का एमआइएस (प्रबंधन सूचना प्रणाली) पोर्टल शिक्षा निदेशालय ने तीन महीने से बंद कर रखा है, जिससे आनलाइन दाखिले नहीं हो पा रहे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अब इन स्कूलों पर 30 हजार से 70 हजार रुपये जुर्माना लगाया जा रहा है। इसके विरोध में निजी स्कूल संचालक कोर्ट जाने की की तैयारी में हैं। फेडरेशन आफ प्राइवेट स्कूल्स के प्रदेश अध्यक्ष एवं नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस (निसा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने बुधवार को मीडिया के समक्ष दावा किया कि एमआइएस पोर्टल बंद करना असंवैधानिक है। इस कदम से बच्चों का स्कूल में प्रवेश ही रुक गया है।
bhatinda-state,Bhatinda news,dowry harassment,suicide case,domestic violence,Punjab police,dowry death,crime news,woman commits suicide,Nathana police station,Bhatinda crime, Bathinda news,Punjab news
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहली बार आनलाइन प्रक्रिया अपनाते हुए पोर्टल पर रिक्त सीटें दिखाने का काम शुरू किया, लेकिन न तो स्कूल संचालकों को इसकी कोई ट्रेनिंग दी गई और न ही दस्तावेजों में सुधार का विकल्प उपलब्ध कराया गया। इसके विपरीत शिक्षा निदेशालय के अधिकारी उनके मान्यता संबंधी दस्तावेजाें को अपूर्ण या गलत बताकर जुर्माना लगा रहे हैं।
कुलभूषण शर्मा ने दोहराया कि प्राइवेट स्कूल गरीब विद्यार्थियों को शिक्षा देने के खिलाफ कभी नहीं रहे। यदि सरकार आरटीई में पारदर्शी नीति और समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित करे तो सभी विद्यालय निर्धारित 25 प्रतिशत बच्चों को सिर्फ एक कक्षा में ही नहीं, बल्कि प्रत्येक कक्षा में शिक्षा देने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने प्रस्ताव रखा कि स्कूल संचालक इसके लिए शपथ पत्र देने को तैयार हैं, किंतु सरकार भी शपथ पत्र दे कि वह छह महीने के भीतर सभी बकाया भुगतान करेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी एवं शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा से मांग की है कि विभाग द्वारा थोपे गए अव्यवहारिक आदेशों और जुर्माना राशि को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए। प्राइवेट स्कूलों के साथ विश्वास और सहयोग का माहौल बनाते हुए शिक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाना चाहिए।
 |