राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी।
राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं महागठबंधन के शीर्ष चेहरा राहुल गांधी की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए नाचने-गाने एवं ड्रामा वाली टिप्पणी को मुद्दा बनाकर एनडीए आधी आबादी के बीच भुनाने में जुट गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी गुरुवार को मुजफ्फरपुर एवं छपरा की जनसभा में राहुल गांधी व महागठबंधन के विरुद्ध निर्णायक मतदाता वर्ग महिलाओं की भावना को छठी मैया से जोड़कर 24 घंटे के अंदर राजनीतिक घटनाक्रम को नई दिशा दे दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
संभव है कि राहुल गांधी की ओछी टिप्पणी से बड़ा नुकसान अब महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरा तेजस्वी यादव के उभरते ग्राफ हो सकता है।
प्रधानमंत्री ने लोक आस्था का महापर्व छठ को बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाने की लाइन भी निर्धारित कर दी है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि एक तरफ एनडीए सरकार छठ को विश्व विरासत में सम्मिलित कराने के लिए प्रयासरत वहीं, राजद एवं कांग्रेस वाले ड्रामा बता मां-बहनों का भी अपमान कर रहे हैं।
गौर हो कि राहुल गांधी ने मुजफ्फरपुर जिले के सकरा की सभा में 29 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी पर वोट के लिए नाचने-गाने एवं ड्रामा करने जैसी टिप्पणी की थी।
मोदी ने छठ से जोड़ते हुए कहा कि राजद एवं कांग्रेस के लोग छठ व्रतियों का भी अपमान कर रहे हैं। बिहार के लोग इन्हें माफ नहीं करेंगे। महागठबंधन की ओर से किए जा रहे वादों को धोखा बताया।
मोदी ने आगे कहा, इस चुनाव में दो युवराजों ने झूठे वादों की दुकान खोल दी है। एक भारत के सबसे भ्रष्ट परिवार का युवराज एवं दूसरा बिहार के भ्रष्ट परिवार का युवराज हजारों करोड़ों का। राहुल-तेजस्वी के विरुद्ध तुकबंदी में कटाक्ष किया।
उन्होंने कहा कि ये नामदार लोग कामदार को गाली दे रहे थे। ये पिछड़े को गाली देना सम्मान समझते हैं। ये गंदी-गंदी गालियां देते हैं। इन्हें बर्दाश्त नहीं होता कि चाय बेचने वाला यहां तक पहुंच गया है। मोदी ने चुन चुनकर राहुल गांधी एवं तेजस्वी की टिप्पणी पर पलटवार किया।
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