जागरण संवाददाता, सहारनपुर। साइबर जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यशाला को वर्चुअली संबोधित करते हुए डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि इंटरनेट मीडिया, इंटरनेट व तकनीक जितनी उपयोगी है, उतनी ही असावधानी से यह विनाशकारी भी सिद्ध हो सकती है। कहा कि कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात उनके द्वारा 10 प्राथमिकताएं निर्धारित की गई थीं, जिसमें साइबर क्राइम प्रमुख था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शुक्रवार को जनमंच सभागार में परिक्षेत्र स्तरीय साइबर जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यशाला का वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शुभारंभ करते हुए डीजीपी ने कहा कि बच्चों व युवाओं में आनलाइन गेमिंग एडिक्शन जैसे उदाहरण यह दर्शाते हैं कि डिजिटल सतर्कता आज समाज की आवश्यकता बन चुकी है।
कार्यशाला में साइबर एक्सपर्ट डा. रक्षित टंडन ने साइबर अपराध के बारे में जानकारी देते हुए लोगों को बचाव के तौर-तरीके भी बताए। बताया गया कि विदेश से आने वाली फोन काल्स की पहचान करें, बहकावे में न आए। क्योंकि गलती करते ही आप साइबर अपराधी के चंगुल में फंस जाएंगे।
डा. रक्षित ने आनलाइन फ्राड, फिशिंग, ओटीपी धोखाधड़ी, इंटरनेट मीडिया ब्लैकमेलिंग आदि के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि हम कहां-कहां गलती कर सकते हैं। जालसाजों द्वारा इंटरनेट पर खोली जाने वाली वेबसाइट्स के नाम में मामूली अंतर करके नकली वेबसाइट बना ली जाती हैं।
फर्जी वेबसाइट के जरिए लोगों से धोखाधड़ी की जाती है। उन्होंने बताया कि विदेशों से आने वाली फोन काल्स के जरिए अलग-अलग झांसे दिए जाते हैं। उन्होंने सरकारी एजेंसियों, पुलिस, कस्टम और अन्य बैंकों आदि से आने वाले मैसेज के जरिए ठगी से बचाव के तरीके भी बताए।
कहा कि ऐसे मैसेज को तुरंत डिलीट कर दें। किसी मोबाइल पर भेजे गए लिंक को ओपन न करें। केएल अरोड़ा ने बताया कि वह स्वयं एक बार एक फर्जी विदेशी कंपनी के स्कैम का शिकार होते-होते बचे। इस दौरान एडीजी मेरठ जोन भानु भास्कर, कमिश्नर अटल कुमार राय, डीआइजी अभिषेक सिंह, डीएम मनीष बंसल, सहारनपुर के एसएसपी आशीष तिवारी, मुजफ्फरनगर के एसएसपी संजय वर्मा, शामली के एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह, सहारनपुर जोन के समस्त अधिकारी व थाना प्रभारीगण सहित विभिन्न स्कूल/कालेजों के लगभग 1000 छात्र/छात्राओं ने प्रतिभाग किया। |