ईयू के साथ भारत का व्यापार समझौता होने जा रहा है (प्रतीकात्मक तस्वीर)  
 
  
 
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया के सभी प्रमुख देश भारत के साथ व्यापार बढ़ाने की चाहत में है। ऑस्ट्रेलिया, यूएई जैसे विकसित देशों के बाद यूरोप के चार देशों के समूह जिसे यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन (एफ्टा) के नाम से जाना जाता है, के साथ व्यापार समझौता करने के बाद अब जल्द ही यूरोपीय यूनियन (ईयू) के साथ भारत का व्यापार समझौता होने जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
ब्रिटेन के साथ भी भारत का व्यापार समझौता हो चुका है जो अगले साल मार्च-अप्रैल से अमल में आ जाएगा। वाणिज्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक ईयू के साथ व्यापार समझौते की वार्ता लगभग पूरी हो चुकी है। एफ्टा देशों में स्विट्जरलैंड, नार्वे, आइसलैंड और लेस्टेंस्टाइन शामिल हैं।  
ईयू के साथ इस साल हो जाएगी वार्ता  
 
गुरुवार को नई दिल्ली में औद्योगिक संगठन के कार्यक्रम के बाद वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि पिछले तीन सालों में हमने कई विकसित देशों के साथ व्यापार समझौता किया है और अभी अमेरिका, ईयू, न्यूजीलैंड, पेरु, चिली और ओमान के साथ व्यापार समझौते को लेकर भी वार्ता में काफी तेजी है। यह साफ दर्शाता है कि भारत सिर्फ व्यापार के लिए ही नहीं, निवेश के लिए प्रमुख स्थान बनता जा रहा है।  
 
ओमान और यूरोपीय यूनियन के साथ भी व्यापार वार्ता इस साल होने की पूरी उम्मीद है, क्योंकि ओमान के साथ वार्ता पूरी हो चुकी है। अब दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करना बाकी है। उसके बाद यह अमल में आएगा। पेरु के साथ नौवें चरण की वार्ता आगामी नवंबर में होने जा रही है तो चिली के साथ व्यापार समझौते पर तीसरे चरण की बातचीत इस माह के आखिर में होगी।  
ब्राजील के साथ भी हो रही बातचीत  
 
ब्राजील के साथ भी व्यापार बढ़ाने को लेकर गंभीर बातचीत चल रही है और दोनों ही देश एक-दूसरे के बाजार में बड़ी संभावना देख रहे हैं। अमेरिका के साथ व्यापार समझौते से जुड़े मुद्दे पर बातचीत के लिए भारत का दल अभी अमेरिका में है। अब तक दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता को लेकर पांच चरण की वार्ता हो चुकी है और इस साल नवंबर में व्यापार समझौते के पहले चरण को पूरा कर लिया जाएगा।  
 
विदेश व्यापार जानकारों का कहना है कि इन देशों के साथ व्यापार समझौता होने से वस्तु निर्यात के साथ सेवा निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा और इन देशों में भारतीय प्रोफेशनल्स को भी अपना कारोबार करने का अवसर मिलेगा।  
 
निर्यात को बढ़ाने के लिए भारत ने अफ्रीका के कई देशों में भी निर्यात करना शुरू कर दिया है। तभी अमेरिका होने वाले निर्यात में इस साल अगस्त की तुलना में सितंबर के निर्यात में 20 प्रतिशत की गिरावट के बावजूद भारत के निर्यात में छह प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। |