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गोरखपुर मे पुलिस की संरक्षण में राजू लगवाता है अवैध साप्ताहिक बाजार, मंगलवार को दूर-दूर से खरीदारी करने आते हैं लोग

cy520520 2025-11-27 12:37:19 views 1036

  

पांडेयहाता चौकी से नार्मल रोड पर लगता है बाजार। जागरण  



जागरण संवाददाता, गोरखपुर। नार्मल रोड पर लगने वाले साप्ताहिक बाजार को राजू लगवाता है। इसे राजघाट थाना के पांडेयहाता पुलिस चौकी का संरक्षण प्राप्त है। अगर किसी व्यापारी को जगह नहीं मिले तो वह पुलिस को 50 रुपये देकर नाम दर्ज करा सकता है। इसके बाद जगह देने से लेकर वसूली तक राजू करता है। दिनभर दुकान लगाने के बाद एक व्यापारी से जगह के हिसाब से 100, 150 व 200 रुपये वसूले जाते है। फिर शाम को तय रकम के अनुसार राजू, पुलिस और अन्य के बीच बंदरबांट हो जाता है। यह जानकारी मंगलवार व बुधवार को जागरण संवाददाता की पड़ताल में सामने आया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

मंगलवार को जिस नार्मल रोड पर व्यापारी और खरीददारों की भीड़ थी। बुधवार को वहां पर आवागमन सामान्य था। दुकान लगने वाले जगहों पर वाहन खड़े थे एक पटरी पर कुछ दुकाने सजी थी। बातचीत में एक दुकानदार ने बताया कि साप्ताहिक बाजार सिर्फ मंगलवार को लगती है। तब उन्हें भी जगह पाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती और रुपये देने पड़ते।

जगह कौन देता है कि सवाल पर दुकानदार कहता है कि राजू से मिलना पड़ता है। वह सिर्फ मंगलवार की सुबह नौ से 10 बजे के बीच में और फिर शाम को पांच बजे मिलते है, जबकि मंगलवार को पांडेयहाता चौकी से पूरे नार्मल मार्ग की दोनों पटरियों पर एक इंच जगह नहीं थी।  

बाहर से आए और स्थानीय व्यापारियों ने बाइक, साइकिल, मेज, चारपाई और दरी पर दुकाने सजा रखी थी। ये जगह राजू द्वारा दी गई थी। फिर शाम पांच बजे राजू अपने लोगों के साथ वहां पहुंचकर जगह के हिसाब से प्रति व्यापारी 100, 150 और 200 रुपये की वसूली की। यह बाजार महीने में चार और साप्ताह में एक दिन मंगलवार को अवैध तरीके से लगाई जा रही है।

इससे मिलने वाला धन सरकारी खाते में न जाकर आपस में बंदरबांट हो जा रहा है। जबकि यह पूरा खेल नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे अवैध तरीक से करीब डेढ़ वर्ष से संचालित हो रहा है।

हिस्सेदारी को लेकर भिड़ चुके है दो चौकी के पुलिस
इस बाजार को लेकर राजघाट थाना के दो चौकी प्रभारी और पुलिस के बीच भिड़ंत हुई थी। उस दिन बाजार भी दोपहर के बाद गुलजार तब हुआ था जब दोनों के बीच आपस में सहमती बन गई। इस भिड़ंत में एक चौकी के पुलिस को पता चला था कि बाजार से वसूली होती है, तो मौके पर पहुंचकर उसने अपने चौकी क्षेत्र में लगी दुकानों पर दावेदारी कर दी थी। जिसे लेकर विवाद हुआ था। हालांकि, उसके अगले मंगलवार से पांडेयहाता चौकी क्षेत्र में ही बाजार को समेट दिया गया।

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यातायात से लेकर सबकुछ प्राइवेटकर्मी संभालते
अवैध साप्ताहिक बाजार के दिन सबकुछ प्राइवेटकर्मी संभालते है। फिर चाहे यातायात हो या साफ-सफाई। इसकी जिम्मेदारी राजू की होती है। साप्ताहिक बाजार के दिन लगने वाली 500 दुकानों पर दिनभर में करीब 30 से 50 हजार के बीच भीड़ पहुंचती है। इससे आवागमन भी प्रभावित होता है। मंगलवार को यातायात व्यवस्था को संभालते एक प्राइवेट कर्मी ही दिखा था, जो पांडेयहाता पुलिस चौकी के पास खड़ा था। जबकि, चौकी प्रभारी उस समय चौकी के अंदर बैठे थे।

साप्ताहिक बाजार के दिन दुकानदार और रिपोर्टर के बीच हुई बातचीत

पहले दुकानदार से ----
रिपोर्टर - कहां के रहने वाले है भाई, दुकान लगवानी है
दुकानदार - संतकबीरनगर बरदहिया बाजर स्थित मंदिर के पास रहते है। दुकान के लिए राजू से बात करनी होगी
रिपोर्टर - राजू कौन है
दुकानदार - राजू ही यहां पर दुकान लगवाते है, वह सुबह 10 बजे आते है और फिर शाम को चार से पांच के बीच में रूपये लेने आते है।
रिपोर्टर - एक दुकान के कितने रुपये लगते है।
दुकानदार - कितनी जगह में दुकान लगेगी, रेट वहीं तय करेंगे, वैसे 100, 150 और 200 रुपये लगते है। टेबल, चारपाई, कुर्सी के हिसाब से जगह मिलती है। एल आकार में हमने मेज लगाया है, इसका 200 रुपये राजू को देना है।
रिपोर्टर - राजू कब मिलेंगे और कहां
दुकानदार - शाम पांच बजे करीब आइए मिल जाएंगे, पुलिस चौकी के आसपास मिलेंगे।
रिपोर्टर - कितनी दुकाने लगती होंगी
दुकानदार - 500 दुकाने हर मंगलवार को लगती है। कभी इससे अधिक भी हो जाती है तो कभी कम।

दूसरे दुकानदार से ----

रिपोर्टर - कहा के रहने वाले हो भाई
दुकानदार - कब्रिस्तान के पीछे के मोहल्ले में घर है
रिपोर्टर - बाजार में दुकान लगवानी है, किससे मिलना होगा
दुकानदार - मुस्कुराया और चुप रहा
रिपोर्टर - राजू से बात करनी होगी क्या, कहा मिलेंगे
दुकानदार - हां उन्हीं से बात करनी होगी, कब्रिस्तान के आगे चले जाइए, वहीं मिल जाएंगे

तीसरे दुकानदार से ----

रिपोर्टर - नार्मल परिसर में भी दुकान लग सकती है क्या
दुकानदार - राजू ने लगवाया है
रिपोर्टर - कैसे लगा है, कितना देना होगा
दुकानदार - जगह के हिसाब से रुपये देने होंगे, पिता जी देते है

चौथे दुकानदार से ----

रिपोर्टर - दुकान लगवानी है, कैसे लगा सकते है
दुकानदार - थोड़ी देर चुप रहता है, फिर बोलता है
रिपोर्टर - किससे बात करनी होगी
दुकानदार - पुलिस चौकी के आसपास राजू बैठे होंगे, चले जाइए वहीं बताएंगे। वैसे नई दुकान लगाने के लिए जगह नहीं है। कोई जाएगा तो ही जगह मिलेगी। कई लोगों ने नंबर लगा रखा है।
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