बुनियादी मुद्दों की उपेक्षा पर बीते 12 दिनों से आंदोलन पर डटे ग्रामीणों में और बढ़ा गुस्सा. Jagran
जागरण संवाददाता, द्वाराहाट। खस्ताहाल सड़कों की मरम्मत व बसेरा बैंड तक रोड निर्माण को सर्द रात में क्रमिक अनशन पर डटे आंदोलनकारियों के तंबू पर जंगली सूअरों ने हमला कर दिया। अचानक झुंड की घुसपैठ और आक्रामक रुख से भगदड़ मच गई। वराह के हमले में घायल आंदोलनकारी घुप अंधेरे में जान बचाने को ढलान की ओर कूदने से और चोटिल हो गए। एक आंदोलनकारी का पांव फ्रैक्चर हो गया। दूसरे की कमर में गहरी चोट पहुंची है। हालांकि वह उपचार कराने के बाद फिर आंदोलन में शामिल हो गए। इधर गुस्साए ग्रामीणों ने लंबित मुद्दों के समाधान से कम पर समझौता न करने का ऐलान किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
धन्यारी में ग्रामीणों का आक्रोश हाड़ कंपाती ठंड पर भारी पड़ रहा है। बीते 15 नवंबर से दिन व रात चल रहे आंदोलन के बीच बीते मंगलवार की मध्यरात्रि जंगली सूअरों का झुंड अनशनस्थल पर लगाए गए टैंक में घुस गया। सूअरों का आक्रामक रुख देख आंदोलनकारी इधर उधर भागने लगे। इसी बीच अनशन पर बैठे बीरबल सिंह व महेंद्र सिंह वराह के हमले में घायल हो गए। अंधेरे में नीचे की तरफ कूदने से पहले ही घायल बीरबल सिंह की ऐड़ी ही फ्रैक्चर हो गई। वहीं महेंद्र की कमर में गुम चोट पहुंची है। अन्य आंदोलनकारियों ने होहल्ला किया। तब जाकर जंगली सूअरों का झुंड तितर बितर हो सका। करीब आधा घंटे तक अनशन स्थल पर अफरा तफरी रही। फिर दोनों को सीएचसी ले जाया गया।
तंत्र के विरुद्ध रातभर अनशन और जंगली सूअरों के हमले का पता लगने पर बुधवार को आसपास के तमाम गांवों के ग्राम प्रधान, सामाजिक कार्यकर्ता व पंचायत प्रतिनिधि धन्यारी पहुंचे। प्रधान पिनोली हेमवंत सिंह रौतेला, उमेद सिंह तल्ली मिरई व प्रकाश अधिकारी धन्यारी आदि ने रोष जताया कि यदि सरकार व प्रशासन ग्रामीणों की उपेक्षा न करती तो ऐसे जोखिम और कड़ाके की ठंड के बीच कफड़ा तिपौला रोड किनारे तंबू लगा आंदोलन पर नहीं बैठना पड़ता। क्रमिक अनशन पर किशन सिंह बैठे। पंचायत प्रतिनिधि ललित राना, दयाल सिंह बिष्ट, जगदीश सिंह, दीवान सिंह, पार्वती देवी, नीलम अधिकारी, चंद्रा देवी, रेवती देवी, कमला अधिकारी, गोपा अधिकारी, मुन्नी देवी आदि ने भी सरकार के विरुद्ध गुबार निकाला। |
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