केंद्र सरकार विस्फोट की आतंकवादी घटना की तरह जांच कर रही है। (फोटो सोर्स- पीटीआई)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किले मेट्रो पार्किंग ब्लास्ट को केंद्र सरकार ने आतंकवादी हमला घोषित कर दिया है। इसके साथ ही आतंकियों को लेकर भी कई नए खुलासे हुए हैं। जांच के दौरान पुलिस अधिकारियों ने गिरफ्तार किये गए आतंकी डॉक्टरों के फोन की तफ्तीश की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जांच-पड़ताल के दौरान अधिकारियों को टेलीग्राम चैट्स मिले हैं जिससे इस हमले में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का कनेक्शन सामने आ रहा है। इसके अलावा, विस्फोट की प्रकृति को देखते हुए अधिकारियों का मानना है कि फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल के पर्दाफाश होने के बाद दिल्ली में घबराहट में विस्फोट कर दिया गया।
दिल्ली ब्लास्ट को लेकर अब तक क्या है मालूम?
केंद्र सरकार विस्फोट की आतंकवादी घटना की तरह जांच कर रही है। हालांकि इस केस यूएपीए, आतंकवाद और विस्फोटक अधिनियमों के तहत पहले ही एक प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है, केंद्र सरकार ने बुधवार को पुष्टि की कि एजेंसियां विस्फोट की आतंकवादी घटना के रूप में जांच कर रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद जारी बयान में कहा गया, “देश ने 10 नवंबर 2025 की शाम को लाल किले के पास एक कार विस्फोट के जरिए राष्ट्र-विरोधी ताकतों की ओर से अंजाम दी गई एक जघन्य आतंकी घटना देखी है। कैबिनेट आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति जीरो टॉलेरेंस की नीति के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता दोहराती है।“
20 लाख कैश से विस्फोटक खरीदने की थी तैयारी
जांच एजेंसियों के सूत्रों ने बताया है कि विस्फोट के आरोपी डॉ. मुजम्मिल, डॉ. अदील, उमर और शाहीन ने मिलकर लगभग 20 लाख रुपये नकद जुटाए थे। ये रकम उमर को सौंपा गया था। इसके बाद में उन्होंने गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से IED तैयार करने के लिए 3 लाख रुपये का 20 क्विंटल से ज्यादा NPK उर्वरक खरीदा था। इसके साथ ही डॉ उमर और डॉ. मुजम्मिल के बीच पैसों का विवाद भी था।
सुनियोजित विस्फोट या हताशा में किया गया धमाका?
अधिकारियों ने आशंका जताई गई है कि फरीदाबाद में आतंकी मॉड्यूल के पकड़े जाने के बाद आतंकियों ने हताशा में आकर दिल्ली के लाल किला के पास आकर विस्फोट कर दिया।
जांच एजेंसियां इस मामले से जुड़े हर एक पहलू को खंगाल रही है। टेलीग्राम चैट में अधिकारियों को जैश कनेक्शन भी मिला है। इससे पहले भी जानकारी आई थी कि आतंकी मॉडयूल की डॉ शाहीन सईद मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर के संपर्क में थी।
\“जैश एंगल\“ और टेलीग्राम चैट को लेकर क्या बात आई सामने?
फरीदाबाद मॉड्यूल के पकड़े जाने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवादियों के एक नेटवर्क का खुलासा किया। पुलिस के अनुसार, उन्हें संभवतः सीमा पार से निर्देश मिल रहे थे और वे आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े थे।
डॉ. मुज़म्मिल गनई की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस को टेलीग्राम पर जैश के आतंकी आकाओं के साथ हुई चैट का पता चला है।
आतंकी डॉ. शाहीन के पूर्व पति ने क्या कहा है?
गिरफ्तार डॉक्टर शाहीन सईद के पूर्व पति ने पत्रकारों से बात की और कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनकी जिंदगी में इतना बड़ा बदलाव आएगा। कानपुर के कमला पट मेमोरियल (केपीएम) अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत डॉ. जफर हयात ने कहा कि दोनों की शादी 2003 में हुई थी और उनके दो बच्चे हैं।
उन्होंने पत्रकारों को बताया, “शाहीन अक्सर जिद करती थी कि हमें ऑस्ट्रेलिया या किसी यूरोपीय देश में चले जाना चाहिए, लेकिन मैं यहीं रहना चाहता था।“
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