जागरण संवाददाता, गोरखपुर। आयल कंपनियों ने एजेंसियों से रसोई गैस सिलिंडर का रेग्युलेटर व पाइप बेचने का नया नियम बना दिया है। बिना कनेक्शन नंबर दर्ज किए एजेंसियों से इसे नहीं बेचा जा सकता। ग्राहक के कनेक्शन नंबर पर इसकी बिक्री दिखती भी है। भविष्य में यदि कोई दुर्घटना होती है तो पांच वर्ष में रसोई गैस पाइप बदलने के आधार पर क्षतिपूर्ति की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। कंपनियों ने पहले ही ग्राहकों की बायोमीट्रिक केवाईसी अनिवार्य कर दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आयल कंपनियां पांच वर्ष में रसाेई गैस सिलिंडर और चूल्हे को जोड़ने वाला पाइप बदलने की अपील करती हैं। कंपनियों का कहना है कि पांच वर्ष में पाइप बदलने से लीकेज की समस्या नहीं होती। आयल कंपनियों की एजेंसियों पर बिकने वाला पाइप बहुत मजबूत होता है। हाल के वर्षों में पाइप में लीकेज से होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए आयल कंपनियां लगातार ग्राहकों को जागरूक कर रही हैं।
आयल कंपनियों के पास पाइप बदलने का रिकार्ड रहे इसके लिए नई व्यवस्था बनाई गई। जो ग्राहक एजेंसी से पाइप लेगा उसके कनेक्शन नंबर पर इसे दर्ज कर दिया जाएगा। इससे पता चलेगा कि ग्राहक ने कब नया पाइप लगाया था। भविष्य में इसके आधार पर ग्राहकों के पंजीकृत मोबाइल फोन पर संदेश भेजने की भी व्यवस्था हो सकती है। इसी तरह रेग्युलेटर भी कनेक्शन नंबर के आधार पर खरीदा जा सकता है।
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इंडियन आयल के उप महाप्रबंधक रवि चंदेरिया ने कहा कि पांच वर्ष में अनिवार्य रूप से रसाेई गैस की पाइप बदल दें। यह सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। कंपनी के अधिकारी और सभी डिस्ट्रीब्यूटर ग्राहकों को लगातार जागरूक कर रहे हैं। |