ओडिशा की बेटी सृष्टि की हत्या देवभूमि के माथे पर सदा के लिए दाग लगा गई। फाइल
संदीप जुनेजा, किच्छा । अपने जीवन में आसमान बुलंदियों को छूने का अरमान लेकर आई ओडिशा की बेटी सृष्टि की हत्या देवभूमि के माथे पर सदा के लिए दाग लगा गई। देश की न जाने कितनी बेटियां उत्तराखंड में तेजी से पनप रहे औद्योगिकरण के माहौल में अपना भाग्य आजमाने का सपना संजोए है। वहीं सृष्टि की एक छोटी बहन भी है अब उसके माता पिता उसे कैसे कहीं अपने से दूर करियर बनाने भेज पाएंगे। सृष्टि की हत्या ऐसे आगे बढ़ने वाले न जाने और कितने कदमों के सामने ब्रेक लगाने का काम करेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। परंतु सृष्टि जैसी बेटियों के साथ हुई दर्दनाक घटनाएं इसे कलंकित करने का काम करती है। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप स्कीम (पीएमआईएस) के तहत ओडिशा की बेटी देवभूमि में अपना करियर बनाने के लिए आई थी। देवभूमि के प्रति सकारात्मक धारणा के चलते उसके माता पिता ने भी बेटी को इतनी दूर भेजने को संकोच नहीं किया। परंतु उसे नहीं पता था कि वह जिस घर में अपने आपको सुरक्षित महसूस कर रही है उसी घर में एक वहशी दरिंदा भी है जो उसके प्रति नकारात्मक भाव लेकर चल रहा है।
मौका मिलने पर वह उसे नहीं छोड़ने वाला है। उत्तराखंड बनने के बाद हुई सिडकुल की स्थापना के बाद सृष्टि जैसी न जाने कितनी बेटियां यहां अपने परिवार से दूर नौकरी कर रहीं है। इसके साथ ही किच्छा में स्मार्ट इंडस्ट्रीयल सिटी की घोषणा के साथ नए उद्योग भी अपने पांव पसारने की तैयारी में है।वह सब किसी न किसी विश्वास के भरोसे ही अपना घर छोड़ कर उत्तराखंड में कार्य कर रही है। ऐसे में सृष्टि के साथ हुई घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है। सृष्टि की दर्दनाक हत्या ने हजारों किमी. दूर बैठे उसके माता पिता को भी बड़ा झटका देने का काम किया है।
सृष्टि के सहारे ही उनकी भी उम्मीदें परवान चढ़ रही थी। सृष्टि की तरक्की के सपनों के साथ ही वह भी जी रहे थे। सृष्टि का अपना सगा भाई न होने के कारण दोनो बेटियों पर भी उनके माता पिता की भी उम्मीदें टिकी हुई थी, वह भी इंटर्नशिप पूरी कर उसके वापस लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। परंतु सृष्टि की हत्या के बाद वह जीवन में शायद ही अब किसी पर विश्वास कर पाएंगे। अब उनके मन में आता होगा कहीं वह सृष्टि को कुछ दिन और अपने पास रोक लेते तो वह आज उनके साथ जीवित होती। परंतु इंटर्नशिप का पूरा होना और कामेश्वर सिंह की पत्नी सरोज का आपरेशन का ऐसा संयोग बना जो सृष्टि के परिवार को जीवन भर कर दर्द दे गया। इस समय की भरपाई इस जनम में कोई पूरा नहीं कर पाएगा।
स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में किया था प्रतिभाग
किच्छा : पीएमआईएस के तहत सृष्टि महिंद्रा एंड महिंद्रा ट्रैक्टर लालपुर में इंटर्नशिप के लिए आई थी। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर महिंद्रा एंड महिंद्रा से दो महिला कर्मियों को दिल्ली में आयोजित समारोह में प्रतिभाग करने का अवसर प्राप्त हुआ था। उन दो महिला कर्मियों में सृष्टि शर्मा भी शामिल थी। सृष्टि ने अपनी काबिलियत स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान प्रतिभाग कर उत्तराखंड का भी मान रखा था। परंतु इंटर्नशिप पूरी करने के बाद वह जीवित उत्तराखंड से अपने घर नहीं जा सकी।
ये रहे हत्याकांड का पर्दाफाश करने वाली टीम में शामिल
किच्छा : सृष्टि शर्मा की हत्या का पर्दाफाश करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक प्रकाश सिंह दानू, एसएसआई राजेंद्र प्रसाद, चौकी प्रभारी कलकत्ता फार्म ओमप्रकाश नेगी, चौकी प्रभारी दरऊ पवन जोशी, चौकी प्रभारी लालपुर बसंत प्रसाद, एसआई मनोज कुमार, एसआई दीपक जोशी, एसआई
राखी धौनी, एएसआई जगदीश महर, हेड कांस्टेबल दीपक चौहान, कांस्टेबल नवीन भट्ट, प्रशांत नेगी, सुरेद्र भंडारी, दीपक बोरा, मदन नाथ, महिला कांस्टेबल दीपा शामिल है।
बेटियों की सुरक्षा को उठाने होंगे सख्त कदम
किच्छा : अब समय आ गया है पुलिस को बेटियों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने ही होंगे। जिससे अमित सिंह जैसे हैवान फिर से जनम न ले सके। देवभूमि में बेटियां सुरक्षित रह सके इसके लिए विशेष रणनीति बनाने की जरुरत महसूस हाेने लगी है। इसके लिए ठोस कार्रवाई की जरुरत है। जिससे उत्तराखंड में बेटियां की सुरक्षा कागजों पर नही धरातल पर दिखाई दे।
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