गौतम कुमार मिश्रा, नई दिल्ली। सुरक्षा से जुड़ी कई एजेंसियों की नजर में रहने के बाद एक विदेशी नागरिक आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 से चुपके से फरार हो गया। फरार विदेशी नागरिक की तलाश के लिए दिल्ली पुलिस सहित तमाम सुरक्षा एजेंसी जुटी हैं, लेकिन अभी तक इस मामले में किसी को कोई सफलता नहीं मिली है। विदेशी नागरिक एयरपोर्ट से क्यों फरार हुआ? उसका क्या उद्देश्य है? इस बारे में अधिकारी केवल कयास लगा रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
28 अक्टूबर को लंदन की छूटी उड़ान
सुरक्षा एजेंसियों के लिए अब चिंता का सबब बन चुकी है यह घटना 28 अक्टूबर की है। 28 अक्टूबर को ब्रिटिश नागरिक यात्री फिट्ज पैट्रिक बैंकाक से उड़ान लेकर नई दिल्ली पहुंचा। यहां से उसे एअर इंडिया की कनेक्टिंग फ्लाइट लेकर लंदन की यात्रा करनी थी।
किसी कारणवश वह यह उड़ान नहीं ले पाया। इसके बाद वह पूरे दिन ट्रांजिट जोन में बैठा रहा। नियम के मुताबिक विदेशी यात्री जिनके पास भारत का वीजा नहीं है, वह ट्रांजिट जोन से बाहर नहीं निकल सकता है। ऐसे में फिट्ज पूरे दिन ट्रांजिट जोन में यहां वहां चक्कर लगाता रहा।
29 अक्टूबर को हुआ फरार
28 अक्टूबर को पूरे दिन ट्रांजिट जोन में बिताने के बाद वह रात में भी यहीं रुका रहा। इसके बाद अगले दिन यानि 29 अक्टूबर को उसने ट्रांजिट जोन से आगे निकलकर इमिग्रेशन अराइवल एरिया का रुख किया।
कहा जा रहा है कि अराइवल काउंटर के पास वह कुछ देर तक खड़ा रहा। इसके बाद उसने आसपास देखा और फिर एकाएक सिटी साइड का रुख कर दिया। इसके बाद उसे किसी ने नहीं देखा।
फरार होने के बाद मची खलबली
कहा जा रहा है कि ट्रांजिट एरिया पर नजर रखने वाले कुछ कर्मियों ने पाया कि कल दिन से जो शख्स इधर-उधर घूम रहा था, वह नजर नहीं आ रहा है। इसके बाद फिट्ज की खोजबीन शुरू हुई। लोगों ने उसे आसपास काफी ढूंढा लेकिन वह नहीं मिला।
इसके बाद ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन, सीआइएसएफ, दिल्ली पुलिस सहित तमाम एजेंसियों को फिट्ज के प्रकरण से अवगत कराया गया। सभी ने उसे टर्मिनल के अंदर ढूंढा लेकिन उसका कुछ अता पता नहीं मिला।
बड़ा सवाल, आखिर कैसे हुआ फरार
फिट्ज की फरारी को लेकर एयरपोर्ट की सुरक्षा में जुटी तमाम एजेंसियों पर बड़े सवाल उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल है कि सीआईएसफ की कड़ी निगरानी में होने के बाद भी ट्रांजिट एरिया जैसे संवेदनशील स्थान से ब्रिटिश यात्री फरार कैसे हो गया?
यदि वह फरार भी हुआ तो टर्मिनल के निकास द्वार तक उसे पैदल पहुंचने में कम से कम पांच मिनट का समय लगा होगा। इस दौरान उसे पकड़ने की कोशिश क्यों नहीं हुई?
निकास द्वार पर यदि फौरन सुरक्षाकर्मियों को इस बात की जानकारी दी जाती कि एक विदेशी यात्री टर्मिनल से निकलने की कोशिश में है तो उसे अंदर ही पकड़ लिया जाता। एयरपोर्ट के सिटी साइड एरिया में सीआइएसएफ, दिल्ली पुलिस के जवान चौबीस घंटे निगरानी में रहते हैं। इन सभी की नजर के सामने से फिट्ज गुजरा होगा।
चिंता की बात, आखिर क्यों हुआ फरार
आखिर फिट्ज फरार क्यों हुआ, यह एक बड़ा प्रश्न है। क्या वह सोच समझकर एयरपोर्ट से गलत उद्देश्य के लिए फरार हुआ। या फिर उसकी उड़ान छूटने के बाद उसकी मानसिक स्थिति सही नहीं थी, इसलिए उसने ऐसा कदम उठाया। पुलिस के अनुसार अभी इस क्यों का उत्तर पता करना मुश्किल है।
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